सरसों के फूलों पर माहो कीट का खतरा
फाल्गुन मास का आगाज होते ही सिवानों में चहुंओर सरसों के पीले फूल दिखाई देने लगे हैं लेकिन फूलों पर माहो कीट का खतरा भी मंडराने लगा है। किसान सरसों की फसल को खतरनाक कीटों से बचाने के लिए रासायनिक व जैविक दवाओं का छिड़काव भी करने लगे हैं। फूल पर लगने वाले माहो कीट पूरे पौधों को ही सूखा देते हैं
जासं, नियामताबाद (चंदौली) : फाल्गुन मास का आगाज होते ही सिवानों में चहुंओर सरसों के पीले फूल दिखाई देने लगे हैं लेकिन फूलों पर माहो कीट का खतरा भी मंडराने लगा है। किसान सरसों की फसल को खतरनाक कीटों से बचाने के लिए रासायनिक व जैविक दवाओं का छिड़काव भी करने लगे हैं।
फूल पर लगने वाले माहो कीट पूरे पौधों को ही सूखा देते हैं और फसल नष्ट हो जाती है। सरकारी बीज केंद्र पर कार्यरत तकनीकी सहायक जितेंद्र वर्मा ने बताया कि माहो कीट से बचाव के लिए किसान सरसों के पौधों पर केंद्र पर मौजूद रासायनिक का छिड़काव कर दें। मोनोक्रोटोफास, एमिडाक्लोरोफिड आदि रासायनिक को किसान प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर का घोल बनाकर छिड़काव करें, वहीं नीम आयल, अजाडीरैक्टिन जैविक दवा का घोल प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर का घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट से सरसों के पौधे पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।