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परिषदीय स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा, होगा चतुर्दिक विकास

- परिषदीय स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने को शासन से धन अवमुक्त - खेल मैदान के अभाव में इंडोर गेम्स सामग्री की होगी खरीदारी जासं, चकिया(चंदौली): अब परिषदीय विद्यालयों में खेल में संसाधन की कमी सामने नहीं आएगी। नौनिहालों की प्रतिभा निखारने को खेल सामग्री खरीदी जाएगी। शासन से विद्यालयों को धनराशि भेज दी गई है, जिससे खेल सामग्री खरीदी जाएगी। पहली बार हुआ है कि जिन स्कूलों में अनुदेशक नहीं हैं, वहां भी

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 04:34 PM (IST)
परिषदीय स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा, होगा चतुर्दिक विकास

जासं, चकिया(चंदौली): अब परिषदीय विद्यालयों में खेल संसाधन की कमी सामने नहीं आएगी। शासन ने विद्यालयों को खरीदारी के लिए धनराशि भेज दी गई है। जिन स्कूलों में अनुदेशक नहीं, वहां भी खेल सामग्री खरीद को बजट भेजा गया है। जिले में खेलकूद की गतिविधियां बढ़ेंगी तो बच्चों में चतुर्दिक विकास होगा। प्राथमिक विद्यालय में पांच हजार रुपये व जूनियर में दस हजार रुपये प्रबंध समिति के खाते में भेजी गई है। जिन विद्यालयों में खेल मैदान नहीं हैं, वहां इंडोर गेम्स की सामग्री खरीदी जाएगी। खेल सामग्री कोई भी खरीदी जा सकेगी। मनमानी रोकने को खरीद समिति में दो अभिभावकों को भी रखा जाएगा। विद्यालय प्रबंध समिति का अध्यक्ष और समिति में प्रधानाध्यापक रहेंगे। व्यायाम शिक्षक, अनुदेशक सदस्य रहेंगे। गठित कमेटी तय करेगी कि बच्चों के लिए कौन से खेलकूद सामग्री की खरीदारी की जाए। खेल संबंधी बैठक, स्टाक, गतिविधियों का रजिस्टर स्कूलवार तैयार होगा।

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शनिवार को होगी खेल प्रतियोगिता  

स्कूलों में शनिवार को खेल प्रतियोगिताएं होंगी। महीने के दूसरे शनिवार को न्याय पंचायतवार प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी, जिसमें उस क्षेत्र के सभी विद्यालयों के छात्र भाग लेंगे।

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प्रत्येक माह होगी खेल संबंधी बैठक 

विद्यालय कमेटी रोस्टर बनाएगी। उसके मुताबिक ही खेलकूद कराएं जाएंगे। प्रत्येक माह खेल संबंधी बैठक जिले स्तर पर होगी। उसके बाद ब्लाक स्तर पर अनुदेशकों की बैठक खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे।

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वर्जन..

खेलकूद सामग्री हर स्कूल में खरीदा जाएगा। जहां अनुदेशक नहीं हैं, वहां भी प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। खेल मैदान के अनुसार ही सामग्री खरीदी जाएगी। बच्चों की प्रतिभा निखारने को यह कदम उठाया गया है।

-प्रकाशचंद्र यादव, खंड शिक्षा अधिकारी।


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