प्रशासन की तंद्रा टूटी, बॉर्डर पर तीन शिफ्टों में टीम की तैनाती
नौबतपुर बॉर्डर पर हो रहे अवैध बालू तस्करी और ओवरलोड़ गाड़ियों के संचालन की खबर दैनिक जागरण में प्रमुखता से उठाए जाने के बाद अंतत जिला प्रशासन जागा है।
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : नौबतपुर बॉर्डर पर हो रही बालू तस्करी और ओवरलोड गाड़ियों के संचालन का डीएम नवनीत सिंह चहल ने रविवार को संज्ञान लिया। उन्होंने बार्डर पर वाहनों की जांच और नियम विरुद्ध आने वाले वालों को रोकने के लिए संभागीय परिवहन विभाग की शिफ्टवार तैनाती कर दी। दैनिक जागरण के एक सप्ताह से चल रहे अभियान पर प्रशासन की तंद्रा टूटी और अधिकारियों की तैनाती हुई। इस तैनाती पर अब सवाल यह उठने लगा है कि पूर्व में भी तीन-तीन विभागों की तैनाती हुई थी लेकिन ओवरलोड वाहनों का संचालन नहीं रुक सका था।
फिलहाल उप संभागीय परिवहन विभाग की यह टीमें सुबह 6 से 2 बजे, 2 से रात 10 बजे व तीसरी टीम रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे बार्डर पर लगातार जांच करेगी। अभी तक खनन विभाग के टीम की तैनाती नही की गई है। बता दें कि बिहार के रवन्ना पर यूपी में हो रही बालू की तस्करी को रोकने के लिए खनन विभाग की तैनाती जरूरी बताई जा रही। जिलाधिकारी ने बताया जल्द ही खनन विभाग की भी टीम को बॉर्डर पर लगा दिया जाएगा। इससे ओवरलोड गाड़ियों के संचालन के साथ जिले में बालू की तस्करी पर पूर्ण रूप से रोक लग पाएगी। लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा परिवहन में ढील देने के बाद नौबतपुर में बालू माफिया और दलाल सक्रिय हो गए थे। लगातार बिहार सरकार द्वारा जारी रवन्ना पर जिले समेत पूर्वांचल में लगातार बालू की तस्करी भी कर रहे थे। जबकि बिहार सरकार द्वारा जारी रवन्ना से बिहार में ही बालू विक्रय का नियम है। लेकिन प्रशासन की चुप्पी के वजह से बालू माफिया ओवरलोड ट्रकों से बालू की बिक्री कर रहे थे।ओवरलोड गाड़ियों के संचालन के कारण कर्मनाशा पुल पर बने वैकल्पिक डायवर्जन पुल के भी ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया था।