मातृ व शिशु मृत्यु दर रोकेंगी स्टाफ नर्स व एएनएम
मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया
जागरण संवाददाता, चंदौली : मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। इसको लेकर स्टाफ नर्स और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें प्रसूती महिलाओं व नवजात शिशुओं की देखभाल के टिप्स दिए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी न्यूट्रीशन इंटरनेशनल संस्था को सौंपी गई है। विकसित देशों में जिस फार्मूले को अपनाकर मातृ व शिशु मृत्यु दर को रोका गया है। वही फार्मूला अब अतिपिछड़े जिले में भी अपनाया जाएगा। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार उचित देखरेख न होने और बेहतर खान-पान की कमी की वजह से ही माताओं व उनके नवजात शिशुओं की असमय मौत होती है। यदि इसमें सुधार कर लिया जाए तो मातृ व शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
स्टाफ नर्स व एएनएम के प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। 20-20 कर्मियों की टोली बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेंटर आफ एक्सिलेंस से तकनीकी व आर्थिक सहायता से संस्था ने जिला संयुक्त चिकित्सालय के प्रसव कक्ष में मदर केयर विग बनाया है। इसमें निर्धारित से कम समय में प्रसव, कुपोषित बच्चों व कम वजन वाले बच्चे व माताओं को यहां भर्ती कर सही ढंग से प्रसव कराया जाएगा। प्रयास यह है कि किसी भी सूरत में प्रसव के दौरान होने वाली मौतों को रोका जा सके। संस्था के विशेषज्ञों की ओर से स्टाफ नर्स और एएनएम को माताओं व शिशुओं की सही ढंग से देखभाल, प्रसव के बाद खान-पान को लेकर टिप्स दिए जाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार खान-पान में दिक्कत व सही देखभाल न होने की वजह से हमेशा खतरा मंडराता रहता है। इसको लेकर यदि सावधानी बरती जाए तो मृत्यु दर में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। ' मातृ व शिशु मृत्यु दर चिता का विषय है। इसमें कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य संसाधनों व उपचार के तरीकों में लगातार सुधार किया जा रहा। ताकि मृत्यु दर में कमी लाई जाए। अंतरराष्ट्रीय संस्था स्टाफ नर्स व एएनएम को प्रशिक्षित करेगी।
डाक्टर वीपी द्विवेदी, सीएमओ