प्रेरणा एप पर भेजी जा रही स्कूलों के निरीक्षण की सेल्फी
शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में प्रेरणा एप कारगर साबित होता दिख रहा है। खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण कार्यालय छोड़ने आदि को एप पर जांची जा रही है। नौनिहालों की पढ़ाई के साथ शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों के कार्यों का उल्लेख करते हुए एक पर आख्या रिपोर्ट को बेसिक शिक्षा परिषद में ऑनलाइन किया है।
जासं, चकिया (चंदौली) : शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में प्रेरणा एप कारगर साबित होता दिख रहा है। खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण, कार्यालय छोड़ने आदि को एप पर जांचा जा रहा है। नौनिहालों की पढ़ाई के साथ शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों के कार्यों का उल्लेख करते हुए एप पर आख्या रिपोर्ट को बेसिक शिक्षा परिषद में ऑनलाइन किया है। निरीक्षण करते समय इसके लिए बीईओ शिक्षक संग सेल्फी लेने के साथ ही एप पर भेज रहे हैं। विभाग के उच्चाधिकारियों की ओर से इसकी मानीटरिग की जा रही है।
परिषदीय विद्यालयों को जांचने के बाद शिक्षकों को शिथिलता व लापरवाही में निलंबित व वेतन रोकने की कार्रवाई होती है। इससे कहीं न कहीं विभाग की किरकिरी होती है। इससे बचने के लिए विभाग एप को प्रभावी बनाने के प्रयास में जुटा है। वहीं, शिक्षाधिकारियों की सुस्ती से शिक्षकों व शिक्षण व्यवस्था की शिकायतें लगातार मिलती रहतीं। हालांकि एप को लागू करने व विभाग की सख्ती के बाद शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार हुआ। स्कूल से अक्सर गायब रहने वाले शिक्षकों पर अंकुश लगा है। एमडीएम, पुस्तक, यूनिफार्म, जूता-मोजा वितरण व शैक्षिक गतिविधियों को एप पर अपलोड करने की व्यवस्था की गई है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया खंड शिक्षाधिकारियों को नई व्यवस्था के तहत विद्यालयों का निरीक्षण करना है। महीने में कम से कम 20 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का मुआयना करने का निर्देश है। वहीं मिड-डे-मील को लेकर सप्ताह में पांच विद्यालय जांचने की अनिवार्यता है। इनके कार्यों की बेसिक शिक्षा परिषद निगरानी कर रहा है।