गेहूं की बोआई से पूर्व करें बीज शोधन, बेहतर होगी पैदावार
धान के कटोरे के अन्नदाता गेहूं की बोआई से पूर्व बीज का शोधन अवश्य करें। इससे रोग की संभावना तो कम होगी ही बेहतर पैदावार भी होगी। खेत की तैयारी के लिए मिट्टी पलटने वाले हल से कम से कम 3 से 4 बार जोताई करें। गेहूं की बोआई का उचित समय अधिकतम 30 नवम्बर तक होना चाहिए। वे रविवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। बताया कि गेहूं की समय से बोआई में एचडी 2967 एचडी 30
जासं, चंदौली : धान के कटोरे के अन्नदाता गेहूं की बोआई से पूर्व बीज का शोधन अवश्य करें। इससे रोग की संभावना तो कम होगी ही बेहतर पैदावार भी होगी। खेत की तैयारी के लिए मिट्टी पलटने वाले हल से कम से कम 3 से 4 बार जोताई करें। गेहूं की बोआई का समय अधिकतम 30 नवम्बर तक है। वे रविवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। बताया कि गेहूं की समय से बोआई में एचडी 2967, एचडी 3086, नरेंद्र 1014 पीबीडब्लू 134 प्रजातियां हैं। यदि देर से बोआई हो तो पीबीडब्लू 187, पीबीडब्लू 373, नरेंद्र 1012, 1076 हैं। कहा बीज शोधन के लिए किसान एक किलोग्राम बीज के लिए 5 से 6 ग्राम ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें। बीज शोधन से बीज जनित रोग से बचाव तो होगा ही जमाव बढि़या होने के साथ जड़ों का विकास अच्छा होगा। उन्होंने पाठकों के सवालों का जवाब देने के साथ उनकी जिज्ञासा को भी शांत किया।
सवाल : बागवानी व फूलों की खेती कैसे करें।
जवाब : इसके लिए उद्यान विभाग से सम्पर्क करें।
सवाल : गेहूं का कैसे बेहतर उत्पादन होगा।
जवाब : समय से बोआई व बीज शोधन से बेहतर पैदावार होगी।
सवाल : धान में लेढ़ा (कंडुआ) रोग लग गया है।
जवाब : यह बीज जनित रोग है। फिलहाल इसका कोई उपाय नहीं है। किसान धान की बालियां निकलने से पूर्व प्रोपोकोनाजोल 200 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें तो इस रोग से बचाव हो सकता है।
सवाल : गेहूं की बोआई का उचित समय क्या है।
जवाब : उचित समय 15 नवम्बर तक है। अधिकतम 30 नवम्बर तक बोआई की जा सकती है।
सवाल : मिर्च की फसल में घास निकल गई है।
जवाब : माइक्रोन्यूट्रेंट 5 किलोग्राम प्रति बीघा मिट्टी में मिलाकर खेत में डालें।
सवाल : गोभी के खेत में घास हो गई है।
जवाब : खेत की गोड़ाई कर घास निकालें।
सवाल : चना की बोआई का उचित समय व उत्तम प्रजाति कौन सी है।
जवाब : 30 नवम्बर तक बोआई कर सकते हैं। जीएनजी 158, केडब्लूआर 108, आरएसजी 974 प्रजातियां हैं।
सवाल : मसूर की उत्तम प्रजातियां कौन हैं।
जवाब : केएल 320, एचयूएल 57, पीएल 8 प्रजातियां हैं।
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इन्होंने पूछे सवाल
बढ़वलडीह के भानुप्रताप सिंह, चकिया सौरभ त्रिपाठी, प्रेमप्रकाश, महरखा रामनगीना शर्मा, मुबारकपुर कालीचरन, मुसाफिर, नौगढ़ भगवानदास, अनील जायसवाल, शहाबगंज शंभूनाथ, रामप्रसाद, संघती विजय यादव आदि ने सवाल पूछे।