बिना काम के पांच लाख का बिल देखकर विफरे एसडीएम
उप जिलाधिकारी आशीष ¨सह ने शनिवार को सदर पीएाचसी का निरीक्षण किया। भर्ती वार्ड में गदंगी मिलने पर नाराजगी जताई।
जागरण संवाददाता, चंदौली : उप जिलाधिकारी आशीष ¨सह ने शनिवार को सदर पीएचसी का निरीक्षण किया। भर्ती वार्ड में गदंगी मिलने पर नाराजगी जताई। प्रसव के सात घंटे बाद जच्चा बच्चा को छोड़ने पर विफर पड़े। बोले 48 घंटे तक प्रसूता एवं नवजात को अस्पताल में रखें अन्यथा कार्रवाई झेलने को तैयार रहें। अस्पताल में पेयजल की व्यवस्था न होने पर आश्चर्य जताया।
दोपहर में पहुंचे एसडीएम ने रोगी कल्याण समिति की बैठक ली। अस्पताल के कार्यों का विवरण देखा। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. पीपी उपाध्याय ने अस्पताल में मरम्मत का पांच लाख रुपये पास कराने के लिए बिल पेश किया। यह देखते ही वे भड़क गए। बिल के साथ न कोई स्टीमेट था न ही कार्यदाई संस्था का नाम। वे पूछ बैठे कहां-कहां मरम्मत हुई है वे देखना चाहते हैं, यह सुनते ही अधिकारी की बोलती बंद हो गई। कहा कुछ काम करके दिखाइए तभी बिल पास होगा। अस्पताल परिसर में 11 हैंडपंप व आरो होने के बाद भी पेयजल की किल्लत सुनते ही उनका पारा चढ़ गया। कहा तत्काल आरो की मरम्मत कराएं और पेयजल की व्यवस्था करें। उन्होंने हर्बल गार्डन देखा तो बोल पड़े हद हो गई है। अस्पताल का महिला वार्ड देखते ही विफर पड़े। निरीक्षण के कुछ देर पहले नगर की अनिता देवी डिलवरी के बाद छोड़ दिया गया। वह एंबुलेंस में बैठ ही रही थी कि मरीज से पूछ बैठे कि कब बच्चा हुआ, महिला ने बताया सुबह पांच बजे। चिकित्सा प्रभारी से पूछ बैठे जच्चा बच्चा को अस्पताल से जाने के लिए कितना समय होना चाहिए, बताया 48 घंटे। यह सुनते ही वे बोले तो सात घंटे में क्यों छोड़ दिया गया। किसी मरीज को कुछ हो गया तो किसकी जिम्मेदारी होगी। इस दौरान महिला के साथ आई तीमारदार ने बताया डिलवरी का उससे पांच सौ रुपये लिया गया था। उन्होंने पैसा वापस कराने और दोनों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने को कहा। निर्देश दिया डिलवरी में किसी से एक पैसा न लिया जाए, सभी लोग सुधर जाएं और मरीजों की ¨जदगी से खिलवाड़ न करें। अन्यथा सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान अस्पताल के सभी चिकित्सक व कर्मचारी मौजूद थे।