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यूरोपियन कालोनी में अंग्रेजों ने 1935 में बनवाया था रोमन कैथोलिक चर्च

इसाई धर्म के प्रमुख तीन तीर्थ स्थलों में से एक यूरोपियन कालोनी स्थित रोमन कैथोलिक चर्च भी है। यहां प्रभु बाल येशु का गिरजाघर है जहां पर पूरे देश से दर्शन व प्रार्थना के लिए इसाई धर्म से जुड़े लोग आते हैं। 1935 में अंग्रेजों ने चर्च का निर्माण कराया था। यहां भारत रत्न मदर टेरेसा पूर्व रेलमंत्री जार्ज फर्नांडिस व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा सहित कई बड़ी बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी हैं। क्रिसमस डे को यहां हजारों से अधिक की भीड़ होती है। इस समय चर्च में क्रिसमस की तैयारी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:36 PM (IST)
यूरोपियन कालोनी में अंग्रेजों ने 1935 में बनवाया था रोमन कैथोलिक चर्च
यूरोपियन कालोनी में अंग्रेजों ने 1935 में बनवाया था रोमन कैथोलिक चर्च

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : इसाई धर्म के प्रमुख तीन तीर्थ स्थलों में से एक यूरोपियन कालोनी स्थित रोमन कैथोलिक चर्च भी है। यहां प्रभु बाल येशु का गिरजाघर है, जहां पर पूरे देश से दर्शन व प्रार्थना के लिए इसाई धर्म से जुड़े लोग आते हैं। 1935 में अंग्रेजों ने चर्च का निर्माण कराया था। यहां भारत रत्न मदर टेरेसा, पूर्व रेलमंत्री जार्ज फर्नांडिस व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा सहित कई बड़ी बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी हैं। क्रिसमस डे को यहां हजारों से अधिक की भीड़ होती है। इस समय चर्च में क्रिसमस की तैयारी चल रही है।

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जंक्शन से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित यूरोपियन कालोनी में जनपद का सबसे पुराना चर्च मौजूद है। हालांकि इसके अलावा यूरोपियन कालोनी में ही प्रोटेस्टेट चर्च भी मौजूद है लेकिन अधिक समर्थक रोमन कैथोलिक चर्च के ही यहां हैं। दिसंबर महीने के पहले रविवार को ºीस्त जयंती के अवसर पर बाल येशु की शोभा यात्रा निकाली जाती है। इसमें पूरे देश से लोग शामिल होते हैं। 25 से 27 नवंबर तक सुबह छह से आठ बजे तक प्रार्थना की जाएगी। इसमें वाराणसी चर्च के गुरु भी शामिल होंगे। 28, 29 व 30 नवंबर तक चंगाई प्रार्थना की जाएगी। माह के पहले रविवार यानि एक दिसंबर को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यात्रा चर्च से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए चर्च में जाकर समाप्त होगी। यहां महासभा आयोजित की जाएगी। 24-25 दिसंबर की अर्धरात्रि में प्रभु येशु के जन्म की खुशी मनाई जाएगी। सुबह से प्रार्थना, मिस्सा बलिदान, सुबह 9 बजे से श्रद्धालुओं व चर्च में आने वाले भक्तजनों को चर्च परिसर में सजाई गईं विभिन्न झाकियों व विशेषतौर पर सजाई गई चरनी का दर्शन मिलेगा। साथ ही चर्च के पादरी द्वारा श्रद्धालुओं को आशीष दी जाएगी। चर्च में 25 दिसंबर को लोग कैंडिल जलाएंगे। अपनी मन्नतें व प्रार्थना लिखकर बालक येशु से प्रार्थना कर दानपेटी में डालेंगे। वर्जन

वर्षों पहले चर्च का निर्माण कराया गया था। पूरे भारत में यह चर्च प्रभु बालक येशु के तीर्थ स्थान के रूप में गिना जाता है। हर साल ºीस्त जयंती तीर्थ पर्व क्रिसमस से चार सप्ताह पूर्व मनाया जाता है। इसमें भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न कोने से लोग यहां शामिल होते हैं। पर्व को देखते हुए चर्च में तैयारी जोरों पर है। चर्च को आकर्षण ढंग से सजाया जाएगा।

विपिन सीजे, फादर, रोमन कैथोलिक चर्च


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