न्यूनतम स्तर पर पहुंची रजिस्ट्री, गिरा राजस्व
हर समय गुलजार रहने वाले सदर उपनिबंधक कार्यालय में अब सन्नाटा पसर
जागरण संवाददाता, चंदौली : हर समय गुलजार रहने वाले सदर उपनिबंधक कार्यालय में अब सन्नाटा पसर गया है। मुगलसराय तहसील में रजिस्ट्री दफ्तर खुलने के बाद सदर में रजिस्ट्री का ग्राफ अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। पूरे दिन में महज दो-तीन रजिस्ट्रियां ही हो रही हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए दिन काटना मुश्किल हो गया है। स्थिति यह हो गई है कि कर्मचारियों की तनख्वाह के बराबर भी राजस्व इकट्ठा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में दफ्तर में डीड पढ़ने और लिखने के काम में लगे निजी कर्मचारी पलायन कर गए।
पहले मुगलसराय तहसील में रजिस्ट्री दफ्तर नहीं था। यहां की रजिस्ट्री भी सदर उपनिबंधक के यहां ही होती थी इसलिए रजिस्ट्रार दफ्तर सुबह से शाम तक लोगों से खचाखच भरा रहता था। स्थानीय लोगों व अधिवक्ताओं की मांग पर अब मुगलसराय तहसील में भी रजिस्ट्री दफ्तर खुल गया है। ऐसे में सदर उपनिबंधक कार्यालय में रजिस्ट्री का ग्राफ काफी गिर गया है। दरअसल, आसपास के इलाके में कृषि भूमि की अधिकता होने की वजह से लोग जमीन बेचने के परहेज करते हैं। पहले मुगलसराय व पड़ाव क्षेत्र की जमीन की खरीद-बिक्री के लिए लोगों की भीड़ लगती थी। इससे रोजाना 15 से 20 लाख रुपये तक राजस्व आता था। वर्तमान में राजस्व का आंकड़ा लाख तो दूर हजार में पहुंच गया है। स्थिति यह है कि दफ्तर में नियुक्ति अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन देने भर के लिए भी रोजाना राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही है। इससे अधिकारियों की चिता बढ़ गई है।
मुगलसराय में रजिस्ट्री दफ्तर खुलने के बाद यहां रजिस्ट्री का ग्राफ काफी गिर गया है। पूरे दिन में दो-चार रजिस्ट्रियां हो रही हैं। इससे राजस्व काफी गिरा है। पहले रोजाना 10 से 15 लाख तक राजस्व प्राप्त होता था।
रामसुंदर यादव, उपनिबंधक, सदर