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आलू व प्याज अनमोल, बढ़ गया थाली का मोल

जागरण संवाददाता चंदौली सब्जियों के दाम इस समय आसमान छू रहे हैं। आलू 40 तो प्याज

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 04:55 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:34 AM (IST)
आलू व प्याज अनमोल, बढ़ गया थाली का मोल
आलू व प्याज अनमोल, बढ़ गया थाली का मोल

जागरण संवाददाता, चंदौली : सब्जियों के दाम इस समय आसमान छू रहे हैं। आलू 40 तो प्याज 80 रुपये किलो में बिक रहा है। इसी तरह गोभी, मटर, टमाटर खरीदने में भी लोगों की जेब ढीली हो जा रही है। सब्जियों पर छाई महंगाई ने मध्यम व निम्म मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट बिगाड़ दिया है। नौकरीपेशा लोगों की एक-चौथाई तनख्वाह तो सब्जी खरीदने में ही खर्च हो जा रही है। इसको लेकर लोग अब सरकार को कोसने लगे हैं।

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कोरोना काल में नियमित आपूर्ति न होने से सब्जियों व फल के दाम बढ़े थे, लेकिन अनलाक में अब वस्तुओं की आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं है। इसके बावजूद सब्जियों के दाम काबू में नहीं है। सरकार के भंडार आलू व प्याज से भरे पड़े हैं। फिर भी लोगों को 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आलू खरीदना पड़ रहा। पिछले साल की तरह इस साल भी प्याज रंग दिखाने लगा है। आढ़तियों व थोक व्यापारियों के अनुसार सब्जियों के थोक रेट में गिरावट नहीं आ रही है। इसके चलते फुटकर दाम बढ़े हुए हैं।

कितने रुपये में बिक रही सब्जी : सब्जी मूल्य (रुपये प्रति किलोग्राम)

आलू 40

प्याज 80

टमाटर 60

गोभी 50 प्रति पीस

धनिया 300

भिडी 40

लौकी 30

पालक 40

बैगन 30

परवर 80

खीरा 40

मूली 40

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होटल व्यवसाय पर भी महंगाई की मार

सब्जियों की महंगाई के चलते सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायी भी बेहाल हैं। होटल व्यवसायी श्यामलाल सिंह ने बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने से थाली का मोल बढ़ गया है। इसका धंधे पर असर पड़ रहा है। आमदिन की तुलना में इस समय कम ग्राहक आ रहे हैं। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो धंधा चौपट हो जाएगा।

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सरकार की नाकामी का दंश झेल रही जनता

पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने महंगाई पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। बोले, सरकार की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ी है। आलू, प्याज समेत सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। पेट्रो पदार्थों की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है। इस वजह से घरेलू व दैनिक उपयोग के वस्तुओं की कीमतें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह से नाकाम है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा नहीं कि वस्तुओं को दूसरे देशों से आयात करने की वजह से महंगाई बढ़ी है। सरकार के गोदाम भरे हुए हैं। इसके बावजूद कीमतों पर काबू करने की कोशिश नहीं की जा रही है। थोक व फुटकर रेट में कोई परिवर्तन नहीं है। आलू व प्याज की कीमतें बढ़ने से आमजन के साथ ही किसानों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


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