टीबी की दवा घर-घर पहुंचाएंगे डाकिया
डाक व स्वास्थ्य विभाग ने टीबी रोगियों की मदद को संयुक्त पहल शुरू की है। डाकिया अब असाध्य टीबी रोगियों को घर-घर दवा पहुंचाएंगे। वाराणसी डाकघर के अधीक्षक डीबी त्रिपाठी व एडिशनल सीएमओ डा. डीके सिंह ने सोमवार को जिला अस्पताल सभागार में विशेष कवर का विमोचन किया। इस दौरान पोस्टमैन को योजना की जानकारी दी। साथ ही दायित्वों से भी अवगत कराया।
जागरण संवाददाता, चंदौली : डाक व स्वास्थ्य विभाग ने टीबी रोगियों की मदद को संयुक्त पहल शुरू की है। डाकिया अब असाध्य टीबी रोगियों को घर-घर दवा पहुंचाएंगे। वाराणसी डाकघर के अधीक्षक डीबी त्रिपाठी व एडिशनल सीएमओ डा. डीके सिंह ने सोमवार को जिला अस्पताल सभागार में विशेष कवर का विमोचन किया। पोस्टमैन को योजना की जानकारी दी। साथ ही दायित्वों से भी अवगत कराया।
अधीक्षक ने कहा दुनिया में सबसे अधिक टीबी मरीज भारत में है। विश्व में हर वर्ष तकरीबन चार लाख से अधिक लोगों की मौत टीबी से हो रही है। देश में सबसे अधिक टीबी के मरीज उत्तर प्रदेश में हैं। सरकार ने इसे जड़ से समाप्त करने की योजना बनाई है। इसको लेकर विशेष कवर लांच किया गया है। इसके तहत डाकिया घर-घर जाकर टीबी के असाध्य मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराएंगे। वहीं मरीजों का सैंपल भी लिया जाएगा। इसको परीक्षण के लिए जिला अस्पताल व बीएचयू को भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद उक्त मरीजों को सौंपा जाएगा। पहले चरण में लखनऊ, आगरा, बंदायू व चंदौली में योजना को लागू किया गया है। एडीशनल सीएमओ डा. डीके सिंह ने कहा काफी संख्या में टीबी के गंभीर मरीज अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में रोग जब गंभीर रूप ले लेता है, तो मरीजों को इलाज कर ठीक करना मुश्किल हो जाता है। सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। अस्पतालों में भी टीबी मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज किया जा रहा है। डाक व स्वास्थ्य विभाग की नई पहल से असाध्य टीबी मरीजों को काफी लाभ होगा। डा. डीएन मिश्रा, डा. राधेश्याम, डा. आदर्श कुमार, मासूम रजा, आरएल चौहान, सर्वेश कुमार सिंह, प्रभाकर सिंह थे।