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आबादी लाखों की, सरकारी अस्पताल एक भी नहीं

समाज के समुचित विकास को मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता होती है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इनमें से एक स्वास्थ्य सुविधा भी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 06:51 PM (IST)
आबादी लाखों की, सरकारी अस्पताल एक भी नहीं

जागरण संवाददाता, पड़ाव(चंदौली) : समाज के समुचित विकास को मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता होती है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इनमें से एक स्वास्थ्य सुविधा भी है। इसके अभाव में इंसान की जान भी जा सकती है। सरकार स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को तमाम योजनाएं चला रही हैं, इसके बावजूद गरीब परेशान हैं। इसके पीछे का कारण, पड़ाव इलाके में एक भी सरकारी अस्पताल न होना है। लगभग डेढ़ दर्जन ग्राम की हजारों आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं। पड़ाव इलाके में करीब 50 हजार लोग स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं। भाजपा सरकार से लोगों में कुछ उम्मीद जगी थी कि सरकार इस ओर ध्यान देगी। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी इस ओर कोई पहल नहीं दिख रहा है। क्षेत्र में एक भी सरकारी चिकित्सालय न होने से ग्रामीणों को इलाज को भटकना पड़ रहा है। मढि़या गांव स्थित एएनएम सेंटर में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा था। इसे भी गत वर्ष पूर्व मवई स्थानांतरित कर दिए जाने से ग्रामीणों को मिल रही चिकित्सीय सुविधा बंद हो गई। इस कारण ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधा के लिए अन्यत्र भटक रहे हैं।

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पन्ना चौहान के मुताबिक चिकित्सालय न होने से गरीब परेशान हैं। क्षेत्र में सरकारी चिकित्सालय खोल दिया जाए तो ग्रामीणों को राहत मिलेगी। कैलाशनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि मढि़या स्थित एएनएम सेंटर भी चलाया जाता तो राहत मिल जाती।

आनंद स्वरूप मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में सरकारी चिकित्सालय न होने से आम जनता को प्राइवेट चिकित्सकों एवं झोलाछापों के यहां जाना पड़ता है। सुरेंद्र चौहान ने बताया कि क्षेत्र में गरीब तबके के लोग रहते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता कि वे निजी चिकित्सालयों में अपना इलाज करा सकें। ऐसे में सरकारी चिकित्सालय होना जरूरी है। जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान

हर चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों के एजेंडे में क्षेत्र का विकास होता हैं। लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए इन नेताओं के वादे भी हवा हवाई हो जाती है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी क्षेत्रवासियों को अस्पताल बनवाने का वादा करते हैं लेकिन हर बार क्षेत्रवासियों को निराशा ही हाथ लगी है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने हमेशा क्षेत्र की जनता के साथ छलावा किया है।


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