सड़कों पर इतने गढ्डे, थक जाएंगे गिनते-गिनते
चार पहिया वाहन से बरहनी क्षेत्र की सड़कों पर चल रहे हैं तो ठहर जाइए। शीट बेल्ट लगाने के साथ किसी गड्ढे में गाड़ी जाए तो बेधड़क कूद जाइए अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती है। मुख्य सड़क की स्थिति तो खराब है ही गांव-गिरांव की सड़कें भी हर दम दुर्घटना के लिए मुंह बाए इंतजार कर रही हैं। सड़कों पर गड्ढों इतने की थक जाएंगे गिनते गिनते। हर दस कदम पर बड़े छोटे गड्ढे चौबीस घंटे उड़ती धूल वाहनों का जाम ये लोगों को झेलना नियति बन गई है।
जासं, बरहनी (चंदौली) : चार पहिया वाहन से बरहनी क्षेत्र की सड़कों पर चल रहे हैं तो ठहर जाइए। शीट बेल्ट लगाने के साथ किसी गड्ढे में गाड़ी जाए तो बेधड़क कूद जाइए अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती है। मुख्य सड़क की स्थिति तो खराब है ही गांव-गिरांव की सड़कें भी हर दम दुर्घटना के लिए मुंह बाए इंतजार कर रही हैं। सड़कों पर गड्ढों इतने की थक जाएंगे गिनते गिनते। हर दस कदम पर बड़े छोटे गड्ढे, चौबीस घंटे उड़ती धूल, वाहनों का जाम ये लोगों को झेलना नियति बन गई है।
छह माह पूर्व सड़कों के मामले में जिले की स्थिति संतोषजनक थी लेकिन जिले के बार्डर पर ओवरलोड वाहनों को क्या रोका गया, क्षेत्र की सभी सड़कों का बेड़ा गर्क हो गया। सड़कों की हालत इतनी दयनीय कि इन पर चलना लोहे के चना चबाने समान हो गया है। ऐसा भी नहीं कि जिम्मेदारों को इन सड़कों का भान नहीं, पर जिम्मेदार भी आश्वासन देकर चुप्पी साध रहे हैं। लक्ष्मणपुर से अरंगी मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो गया है। गांवों के नाबदान के पानी ने उसे और भी नारकीय बना दिया है। अदसड़-अरंगी मार्ग पर नहर पुलिया के पास मार्ग में बड़ा गड्ढा हो गया है। यहां अक्सर दुर्घटनाएं हो रहीं। दैथा-चिरईगांव मार्ग की गिट्टियां उखड़ चुकी हैं। बीच में ऊंचा और अगल-बगल गहरा हो गया है। इससे हर समय दुर्घटना का डर बना रहता। धनाईतपुर पोखरा मार्ग पर इतने गड्ढे कि गिनती गिनते-गिनते थक जाएंगे लेकिन गड्ढे खत्म नहीं होंगे। इसी तरह कंदवा, अदसड़, ककरैत मार्ग की गिट्टियां उखड़ गयीं हैं। जगह जगह गड्ढों ने आमजन को परेशान कर दिया है। ररूवा चिरईगांव मार्ग की स्थिति और भी दयनीय है। कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाके के नक्सल प्रभावित गांवों एवं मुख्य मार्गों की स्थित बेहद खराब है।