शिक्षा की अलख जगाने को निकाली पदयात्रा
स्वामी विवेकानंद की जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को एकल विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की ओर से मुख्यालय पर पदयात्रा निकाली गई। इसके जरिए लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं की समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई।
जासं, चंदौली : स्वामी विवेकानंद की जयंती की पूर्वसंध्या पर शनिवार को एकल विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की ओर से मुख्यालय पर पदयात्रा निकाली गई। इसके जरिए लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं की समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई।
एकल विद्यालय के भाग गतिविधि प्रमुख संजय कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जीवनपर्यत लोगों को शिक्षा का महत्व समझाने का प्रयास किया। शिकागो सम्मेलन से वापस आने के बाद उन्होंने कहा था कि यदि बच्चे विद्यालय तक नहीं पहुंच रहे तो विद्यालय को बच्चों तक पहुंचना चाहिए। अशिक्षा के लिए पढ़े-लिखे लोग अपराधी हैं। हर शिक्षित इंसान को समाज के अन्य लोगों को शिक्षित करने का प्रयास करना चाहिए। विवेकानंद के सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर ही एकल विद्यालयों की शुरूआत की गई। फिलहाल जिले के 323 गांवों मे एकल विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। यहां पांच प्रकार की शिक्षा प्रदान की जाती है। बच्चों को विषयवार प्राथमिक शिक्षा दी जाती है। वहीं अभिभावकों को आरोग्य, ग्राम विकास, स्वाभिमान जागरण व संस्कार समेत चार प्रकार की शिक्षा मिलती है। कहा जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। सभी को शिक्षित होने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए कोई उम्र नहीं होती है। बचपन, युवावस्था अथवा बुढ़ापे में जब भी समय मिले पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही अच्छे संस्कारों को सीखने की कोशिश करनी चाहिए। विनोद कुमार, सुनील कुमार, दुर्गा प्रसाद, दुर्गावती देवी, संदीप, मिथिलेश, सागर, अमरनाथ, गोपाल तिवारी आदि मौजूद थे।