धान की खरीदारी को ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
'दैनिक जागरण' के 'प्रश्न प्रहर' कार्यक्रम में गुरुवार को जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने सवालों के जवाब दिए। कहा बगैर पंजीकरण के किसान अपना धान नहीं बेच सकेंगे। आनलाइन पंजीकरण में यदि परेशानी आ रही है तो क्षेत्रीय या उनसे किसान स्वयं मदद ले सकते हैं।
जागरण संवाददाता, चंदौली : 'दैनिक जागरण' के 'प्रश्न प्रहर' कार्यक्रम में गुरुवार को जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने सवालों के जवाब दिए। कहा बगैर पंजीकरण के किसान अपना धान नहीं बेच सकेंगे। ऑनलाइन पंजीकरण में यदि परेशानी आ रही है तो क्षेत्रीय या उनसे किसान स्वयं मदद ले सकते हैं। सरकार ने इस बार धान का समर्थन मूल्य भी अच्छा कर दिया है। पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष दो सौ रुपये बढ़कर 1750 रुपये प्रति कुंतल धान का मूल्य हो गया है। किसान यदि मौके से चूकेंगे तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कुछ इस तरह दिया सवालों का जवाब।
सवाल : विकास क्षेत्र चंदौली के भदलपुर निवासी चकसुदर्शन यादव व जनार्दन ¨सह ने कहा क्रय केंद्रों में भुगतान से देरी क्यों होती है।
जवाब : एक ही दिन दो-तीन किसान अपना धान बिक्री को केंद्र पर आ जाते हैं तो खरीद में ही पूरा समय बीत जाता है। इससे उसी दिन कुल धान की फी¨डग नहीं हो पाती। इस बार कोशिश रहेगी किसानों के खाते में कम से कम दूसरे दिन भुगतान पहुंच जाए।
सवाल : नारायणपुर निवासी मुकेश कुमार ने कहा कब तक खुल जाएंगे धान खरीद केंद्र।
जवाब : धान खरीद की खरीद एक नवंबर से शुरू होकर 28 फरवरी तक चलेगी। किसानों का धान 20 नंवबर तक तैयार होता है, वे इस अवधि में जब चाहें अपना धन बेच सकते हैं।
सवाल : दुर्गापुर सकलडीहा के शिवाजी एडवोकेट ने कहा अभी तक कितने केंद्रों को मिली है मंजूरी।
जवाब : जिले में 41 केंद्रों के लिए जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी है। कम से कम 30 केंद्र अन्य एजेंसियां खोलेंगी।
सवाल : सकलडीहा के अमावलपुर निवासी विनीत ¨सह ने कहा आन लाइन रजिस्ट्रेशन को किन कागजातों की जरूरत पड़ेगी।
जवाब : बीते वर्ष 14076 रजिस्टर्ड किसानों ने अपना धान बेचा। इस बार अभी तक 4100 का रजिस्ट्रेशन हुआ है। किसानों को एफसीएस डाट यूपी डाट एनआइसी डाट इन वेबसाइट पर पंजीकरण कराना है। इस दौरान जितने क्षेत्रफल में धान की फसल रोपी गई है उसकी खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कापी की छायाप्रति संलग्न करना है।
सवाल : जसौली, चंदौली के ओम यादव व सुरेश ¨सह ने कहा क्या किसानों को इस बार केंद्रों से बोरा मिल पाएगा।
जवाब : सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन है कि किसान अपना धान केंद्रों पर लाए, बोरों में भरकर उसकी तौलवाई करे। बोरे देने की कोई व्यवस्था नही है।