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अधिकारी नदारत, कैसे बढ़े विकास का पहिया

अधिकारी अपनी ड्यूटी के प्रति कितने ईमानदार हैं, इसका उदाहरण ऑफिस लाइव के तहत जागरण संवाददाता ने बुधवार को ब्लॉक मुख्यालय पर देखा। 10 बजे तक कार्यालय में बीडीओ, लेखाकार व जेई सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी नदारत थे। ऐसे में पंचायतों में विकास का पहिया किस गति से आगे बढ़ेगा,इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:11 PM (IST)
अधिकारी नदारत, कैसे बढ़े विकास का पहिया
अधिकारी नदारत, कैसे बढ़े विकास का पहिया

जासं,सकलडीहा(चंदौली): अधिकारी अपनी ड्यूटी के प्रति कितने ईमानदार हैं। इसका उदाहरण ऑफिस लाइव के तहत जागरण संवाददाता ने बुधवार को ब्लॉक मुख्यालय पर देखा। सुबह 10 बजे तक कार्यालय में बीडीओ, लेखाकार व जेई सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी नदारत थे। ऐसे में पंचायतों में विकास का पहिया किस गति से आगे बढ़ेगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। 

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ब्लॉक मुख्यालय पर किसी भी विभाग के अधिकारी कभी भी नही मिलते। अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे ग्रामीण अक्सर बैरंग हो जाते हैं। क्षेत्र में होने का बहाना कर ब्लॉककर्मी अपने कर्तव्यों के निर्वाहन से जी चुराते हैं। ब्लॉक मुख्यालय ग्रामीण  विकास की मुख्य धूरी होता है। लिहाजा अनियमितताएं भी भारी तादात में यहीं देखी जाती हैं। ग्रापंअ व ग्राविअ आदेश के बावजूद नियमित रूप से कभी भी ब्लॉक मुख्यालय पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराते। दिलचस्प कि ब्लॉक परिसर में अरसे से निर्माणधीन आवास का मॉडल आज तक पूर्ण नहीं हो सका है। ये गांवों में आवासों के पूर्ण होने का खोखला दावा करते हैं। ऐसे में जब अधिकारी कार्यालयों में बैठते ही न हों, गांवों में विकास का पहिया अपेक्षित गति से कैसे घूमेगा।


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