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अब निजी संपत्तियों की जीओ टैगिग, गाइडलाइन का इंतजार

अब निजी संपत्तियों की जीओ टैगिग गाइडलाइन का इंतजार

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:51 AM (IST)
अब निजी संपत्तियों की जीओ टैगिग, गाइडलाइन का इंतजार
अब निजी संपत्तियों की जीओ टैगिग, गाइडलाइन का इंतजार

वीरकेश्वर पाठक, चंदौली

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सरकार अब सरकारी के साथ ही निजी संपत्तियों का भी लेखा-जोखा रखेगी। नगरों व ग्रामीण इलाकों में स्थित रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों की जीओ टैगिग कराने जा रही है। इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम गठित होगी। टीम नगरों व गांवों में जाकर संपत्ति की जीपीएस लोकेशन लेने के साथ ही पूरा ब्योरा तैयार करेगी। इसके बाबत शासन स्तर से पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिग में जानकारी मिल चुकी है। जिला प्रशासन को गाइडलाइन जारी होने का इंतजार है। शासन का पत्र प्राप्त होने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

सरकार टैक्स चोरी रोकने और लोगों की वास्तविक संपत्ति आंकने के उद्देश्य से महानगरों के बाद अब छोटे नगरों व ग्रामीण इलाकों में सरकारी व निजी संपत्तियों की जीओ टैगिग कराने की तैयारी में है। ग्रामीण इलाकों में आवास, शौचालयों के साथ ही लोगों के पास मौजूद अन्य चल-अचल संपत्ति का लेखा-जोखा इकट्ठा किया जाएगा। वहीं नगरीय इलाकों में रिहायशी और व्यावसायिक भवनों, वाहन, जमीन के साथ ही घर में मौजूद अन्य वस्तुओं का भी ब्योरा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए बाकायदे जीपीएस लोकेशन के साथ संपत्ति की जीओ टैगिग कराई जाएगी। अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम नगरों व गांवों में घर-घर जाकर लोगों का आंकड़ा तैयार करेगी। पिछले दिनों प्रमुख सचिव की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान इसको लेकर अधिकारियों को जानकारी दी गई है। इसके बाबत जल्द ही शासनादेश भी जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद जिला प्रशासन अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम गठित कर सर्वे कार्य शुरू कराएगा। जीओ टैगिग के दौरान तैयार किया गया आंकड़ा शासन को भेजा जाएगा। रुकेगी टैक्स चोरी, हकीकत का पता चलेगा

ग्रामीण व नगरीय इलाकों में कई लोगों के पास काफी चल-अचल संपत्ति है, लेकिन सरकार के पास इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। इसके चलते टैक्स जमा करने से बच जाते हैं। जीओ टैगिग की सर्वे रिपोर्ट के जरिए सरकार को हकीकत का पता चलेगा। शासन ने सरकारी व निजी संपत्ति की जीओ टैगिग कराने का फैसला लिया है। आवास, शौचालय संपत्ति का ब्योरा तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाबत वीसी में जानकारी मिल चुकी है। शासनादेश का इंतजार है। इसके बाद सर्वे के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम गठित की जाएगी।

-डा. एके श्रीवास्तव, सीडीओ।


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