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नलकूप की नहीं बनी नाली, खेतों तक कैसे पहुंचे पानी

जागरण संवाददाता कमालपुर (चंदौली) नहरों के टेल पर स्थित खेतों की सिचाई के लिए नलकूप लग

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 05:53 PM (IST)
नलकूप की नहीं बनी नाली, खेतों तक कैसे पहुंचे पानी
नलकूप की नहीं बनी नाली, खेतों तक कैसे पहुंचे पानी

जागरण संवाददाता, कमालपुर (चंदौली) : नहरों के टेल पर स्थित खेतों की सिचाई के लिए नलकूप लगाए गए हैं। शुरूआत में किसानों को इसका लाभ मिला लेकिन विभाग बाद में नलकूपों की देखभाल व मरम्मत को लेकर उदासीन हो गया। इसका नजीता रहा कि जिले में 232 में 40 से अधिक नलकूप खराब हैं। कहीं नाली टूटी है तो कहीं तकनीकी खराबी के चलते नलकूप नहीं चलते। ऐसे में किसानों को निजी संसाधनों के सहारे खेतों की सिचाई करनी पड़ती है। ऐसा नहीं कि विभाग इससे वाकिफ नहीं। किसानों के कई बार शिकायत के बावजूद अधिकारियों की सुस्ती बरकरार है। ट्यूबवेल आपरेटर भी नदारद हैं। इससे अन्नदाता बेहाल हैं। सिचाई के अभाव में फसल बर्बाद होते देखा नहीं जाता, तो पंपिग सेट की मदद से सिचाई करते हैं। इसमें समय भी अधिक लगता है। वहीं धन भी खर्च होता है।

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सिसौड़ा कला का पश्चिमी

नलकूप खराब, परेशानी

सिसौड़ा कला गांव में खेतों की सिचाई के लिए दो नलकूप लगाए गए हैं। दोनों नलकूप पिछले काफी दिनों से खराब थे। दैनिक जागरण ने प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की तो एक नलकूप की मरम्मत कर चालू करा दिया गया लेकिन दूसरा नलकूप तकनीकी खराबी से अभी भी ठप है। इससे 100 बीघा खेत की सिचाई प्रभावित है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत कराने में दो लाख रुपये खर्च होगा।

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कतकौलिया के नलकूप की

नहीं बनी नाली

क्षेत्र के कतकौलिया गांव में तीन साल पहले नलकूप तो लगा दिया गया लेकिन ठेकेदार ने आज तक नाली नहीं बनाई। ऐसे में नलकूप का पानी किसानों के खेतों में कैसे पहुंचे। इससे इनायतपुर, कमालपुर, कवई पहाड़पुर, इकबालपुर गांव में करीब 100 बीघा से अधिक भूमि की सिचाई होनी है। लेकिन नाली न बनने से सिचाई की समस्या दूर नहीं हो पा रही है।

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बघरी का नलकूप खराब, किसान हलकान

धानापुर ब्लाक के बघरी गांव में 1982 में नलकूप लगाया गया था लेकिन तकनीकी नाली टूटने से बंद पड़ा है। नलकूप संचालक संजय सिंह ने बताया कि नलकूप में कोई खराबी नहीं है। नाली क्षतिग्रस्त है। ऐसे में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने में दिक्कत होती है। नाली का निर्माण कराने में दो से तीन लाख रुपये खर्च होंगे। सिलौटा गांव में लगा नलकूप भी खराब है। इससे किसानों को समस्या हो रही है। किसानों ने विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया है। हालांकि अभी तक मरम्मत नहीं कराई गई।

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बोले किसान :

नलकूप संचालन को लेकर आपरेटर गंभीर नहीं है। अधिकारी भी सबकुछ जानते हुए आंखें मूंदे रहते हैं। इससे किसानों को समस्या होती है।

प्यारे राम

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ज्यादातर नलकूपों की नालियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अधिक बजट खर्च होने से विभाग मरम्मत नहीं करा रहा। इससे परेशानी बनी हुई है।

महेंद्र राम

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गांव में लगा नलकूप पिछले काफी दिनों से खराब है। इसको लेकर तीन बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया। लेकिन मरम्मत नहीं हुई।

राजकुमार जायसवाल

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संचालक गंभीरता से जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। इससे गांवों में विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। जबकि विभागीय अधिकारी सुस्त पड़े हैं।

लक्ष्मण

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किसानों को नलकूपों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे विभागीय अफसरों की लापरवाही बड़ा कारण है। सुधार न होने पर आंदोलन करेंगे।

शिवकुमार राम

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वर्जन..

संचालकों को क्षेत्र में रहकर नलकूप संचालन का निर्देश दिया गया है। इसमें किसी तरह की लापरवाही सामने आई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है।

अखिलेश सिंह, एक्सईएन, नलकूप


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