गटक रहे निवाला : छात्रों के भोजन से अधिकारियों की मिट रही भूख
सहायता प्राप्त उच्चतर विद्यालयों में छात्रों के मध्याह्न भोजन से गुरुजन और अधिकारियों की भूख मिट रही है। जिले के अधिकांश ऐसे विद्यालयों में एमडीएम नहीं बन रहा जबकि कागजी कार्रवाई पूर्ण की जा रही। पिछले दिनों
जागरण संवाददाता, चंदौली : सहायता प्राप्त उच्चतर विद्यालयों में छात्रों के मध्याह्न भोजन से गुरुजन और अधिकारियों की भूख मिट रही है। जिले के अधिकांश ऐसे विद्यालयों में एमडीएम नहीं बन रहा जबकि कागजी कार्रवाई पूर्ण की जा रही। पिछले दिनों बरहनी क्षेत्र के एक इंटर कालेज में शिक्षकों के लिए दोपहर का भोजन बना। जांच में मामला सही पाया गया लेकिन विभागीय अधिकारियों ने लीपापोती कर दी। शिकायत होने पर मुख्य विकास अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने ऐसे सभी विद्यालयों की जांच को टीम गठित करने का निर्देश दिया है।
जिले में 40 सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसके लिए बाकायदा कनवर्जन कास्ट और राशन उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन ज्यादातर विद्यालयों में एमडीएम नहीं बनवाया जा रहा। कागजों में ही छात्रों की उपस्थिति और कनवर्जन कास्ट का उठान कर लिया जा रहा है। इन विद्यालयों की कई बार जांच भी हुई और गड़बड़ी भी पकड़ी गई लेकिन विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे रहे। मामला तब उजागर हुआ जब बरहनी क्षेत्र के एक इंटर कालेज में छात्रों के लिए बनने वाला एमडीएम शिक्षकों को परोसा गया। छात्रों की शिकायत पर बीएसए के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की, रिपोर्ट में बीईओ ने पूरा चिट्ठा खोलकर रख दिया। सूत्रों की मानें तो उच्चाधिकारियों तक रिपोर्ट पहुंचने के पहले विद्यालय और बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ अधिकारियों के बीच तीन दिन तक पंचायत चली। मामला फिट होने के बाद जांच रिपोर्ट की लीपापोती कर दी गई। जानकारी होने पर विद्यालय के एक शिक्षक ने सीडीओ को मामले से अवगत कराया था। ---------------------
जांच रिपोर्ट डीआइओएस को सौंपी गई है। वैसे ऐसा कुछ नहीं मिला जो कार्रवाई के दायरे में हो। अन्य विद्यालयों की भी जांच कराई जा रही है।
नीरज सिंह, एमडीएम समन्वयक -----------------------
शिकायत मिली है, जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। सभी विद्यालयों में टीम जांच करेगी। जहां गड़बड़ी मिली वहां संलिप्त लोगों पर कार्रवाई तो होगी ही खर्च हुए धन की भी रिकवरी होगी।
डा. एके श्रीवास्तव, सीडीओ