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भोजन वितरण में लापरवाही, भूखे रह जा रहे श्रमिक

पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल की संकल्पना को आईआरसीटीसी ने अपनाई तो जरुर लेकिन अकल के अभाव में काम नहीं आई। पके पकाये भोजन के वितरण में लापरवाही की जा रही है। खींचातानी में रोजाना सैकड़ों

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:03 AM (IST)
भोजन वितरण में लापरवाही, भूखे रह जा रहे श्रमिक

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल की संकल्पना को आइआरसीटीसी ने अपनाया तो जरूर लेकिन किए धरे पर पानी फेरकर। पके पकाए भोजन के वितरण में घोर लापरवाही बरती गई। खींचातानी में रोजाना सैकड़ों श्रमिक भूखे ही रह जा रहे हैं। मंडल की ओर से शुरू व्यवस्था को दरकिनार करते हुए आइआरसीटीसी अपने रवैए पर आ गया और खाना वितरण की जिम्मेदारी ली। सोचनीय यह है कि लॉकडाउन में लोगों में खिचड़ी का वितरण करने वाला आइआरसीटीसी अब पकवान बना रहा है। जो एक समय में श्रमिकों को पानी तक नहीं पिला पा रहा। खैर अब पकवान भी है और पानी की बोतलें भी लेकिन श्रमिकों को किस तरह का पकवान मिल रहा है, यह राज बना हुआ है।

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दरअसल लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। स्टेशनों पर ठहरने पर श्रमिकों को भोजन व पानी उपलब्ध कराना है। जंक्शन पर भी रोजाना दर्जनों श्रमिक स्पेशल ट्रेनें गुजरती हैं। दिन भर में लगभग बीस हजार श्रमिकों को पानी व भोजन के पैकेट उपलब्ध कराना है। दु‌र्व्यवस्था का आलम यह है कि खाना मिलने की उम्मीद लिए बैठे श्रमिकों के चेहरे पर उदासी छा जा रही है। थके हारे श्रमिक यात्रा कर रहे हैं लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही है। वर्जन..

श्रमिकों को भोजन देने या न देने की जवाबदेही मंडल की है। शनिवार को 43 ट्रेनों में भोजन का वितरण किया गया। आइआरसीटीसी ने जिन लोगों को लगाया है, वे पहले से रजिस्टर्ड वेंडर हैं जो ट्रेनों में खाना सप्लाई करते थे।

सरोज ठाकुर, एरिया मैनेजर पीडीडीयू, आईआरसीटीसी


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