नक्सल क्षेत्र धुसुरिया में बम मिलने से हड़कंप
-एसपी ने माना नक्सलियों ने तैयार की थी डिवाइस, फिलहाल नक्सल गतिविधियों से किया इनकार -स्टील
-एसपी ने माना नक्सलियों ने तैयार की थी डिवाइस, फिलहाल नक्सल गतिविधियों से किया इनकार
-स्टील के ढाई किलो के डिब्बे में तैयार किया गया था, देखने में शक्तिशाली
-विशेष दस्ते ने ब्लास्ट कराने की नाकाम कोशिश की, सीआरपीएफ की टीम रात तक रही मौजूद
नौगढ़ (चंदौली) : नक्सलियों का गढ़ रहा नौगढ़ गुरुवार को सुर्खियों में आ गया। धुसुरिया जंगल में दूध के डिब्बे में बम मिलने से सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। बम शक्ति परखने के बाद निरोध दस्ते ने उसे ब्लास्ट कराने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। एसपी संतोष कुमार ¨सह ने माना कि बरामद डिवाइस बम ही है। संभवत: नक्सलवाद के समय में नक्सलियों ने ही किसी के घर रखा होगा। उपयोगीता खत्म होने पर जंगल में फेंक गए होंगे। इलाकाई लोग नौगढ़ के जंगलों में बम मिलने की सूचना को नक्सल मूवमेंट मान दहल उठे।
गुरुवार की पूर्वाहन 11 बजे वनकर्मियों में राजदरी से पश्चिम तीन किमी. अंदर जंगल में स्टील के डिब्बे में बम का आकार का डिवाइस देखे। एलआइयू विपुल कुमार दुबे ने सीआरपीएफ के कंपनी कमांडर विनोद ¨सह को दी गई। वे पुलिस अधीक्षक को जानकारी देते हुए मौके की ओर रवाना हो गए। एसपी ने डाग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ता आदि के साथ मौके पर पहुंचे। दूध के डिब्बे में एल्यूमिनियम के तार निकले हुए थे। दस्ते ने बम की पुष्टि की तो उसकी क्षमता परखने को ब्लास्ट कराने का निर्णय लिया गया, पर नाकामी रहे। जिसके बाद पुलिस एवं सुरक्षाकर्मियों ने राहत की सांस ली। नौगढ़वासी जरूर बम बरामद होने की सूचना से दहल उठे।
असल में बड़ी मुश्किल से नौगढ़ से बंदूकों की गूंज कम हो पाईं थी। इलाकाई लोग पूरे दिन मीडिया के लोगों से असलियत की जानकारी लेने की कोशिश में जुटे रहे। चूंकि बम होना स्पष्ट होने पर सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को भी मौके पर जाने से रोक दिया। एसपी ने कहा कि नक्सल मूवमेंट इन दिनों खत्म है। बरामद बम जीवित होता तो माना भी जा सकता था, यह तो देखने मात्र से दशकों पुराना लग रहा है।
गौरतलब है कि एडीजी विश्वजीत महापात्रा ने निकाय चुनाव से पूर्व मी¨टग कर नक्सल मूवमेंट को रोकने के लिए चल रही तैयारियों के बारे में जानकारी भी ली थी।