तीसरे दिन पूजी गईं मां चंद्रघंटा, सुख-समृद्धि की कामना
वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार को मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा हुई। लोगों ने उपवास रखकर विधि-विधान से मां की आराधना की। घर-परिवार के साथ ही समाज के सुख-समृद्धि की कामना की।
जागरण संवाददाता, चंदौली : वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार को मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा हुई। लोगों ने उपवास रखकर विधि-विधान से मां की आराधना की। घर-परिवार के साथ ही समाज के सुख-समृद्धि की कामना की।
लॉकडाउन के चलते इन दिनों मंदिरों के कपाट बंद हैं। लेकिन आस्था पर इसका कोई असर नहीं है। लोगों ने घरों में ही देवी का दरबार सजा लिया है। बाकायदा कलश स्थापना के साथ पूजा-पाठ कर रहे हैं। नवरात्र के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा हुई। सूर्योदय से पूर्व देवी के पूजन का विशेष महत्व होने की वजह से भक्त भोर से ही तैयारी में जुटे रहे। स्नान-दान कर विधि-विधान से देवी की पूजा की। इस दौरान घर-परिवार के साथ ही सुख-समृद्धि की कामना की। मान्यता है कि देवी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करने से इंसान सभी प्रकार के भय से मुक्त होकर शक्ति प्राप्त करता है। साथ ही सभी संकटों से मुक्त होता है। देवी हर स्थिति में धैर्य बनाए रखने का संदेश देती हैं। उधर दूसरी ओर कोरोना के चलते नवरात्र के दौरान भक्तों की भीड़ से गुलजार रहने वाले प्रमुख मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। मुख्यालय स्थित माता काली मंदिर, रामजानकी शिव मठ मंदिर, चकिया काली जी मंदिर समेत प्रमुख शक्ति पीठ और देवी मंदिरों पर ताला लटक गया है। वहीं बाजार की रौनक और चहल-पहल भी गायब है। रामनवमी की तैयारी पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है।