आरटीआइ में भ्रामक सूचना दे रहे अधिकारी
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों का अधिकारी गलत जवाब दे
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों का अधिकारी गलत जवाब दे लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया। युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेन्द्र पांडेय ने सकलडीहा व टिमिलपुरा ग्राम पंचायतों में तालाब, नाला, खलिहान व खाद गड्ढे सहित अन्य सरकारी भूमि की मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी थी। सोमवार को आरटीआइ के तहत आई जानकारी को लेकर वह हतप्रभ रह गए। उनको लिखित रूप से यह बताया गया कि दोनों गांवों में तालाब सहित सभी भूमि सुरक्षित हैं, जो वास्तविकता से परे है।
आरोप है कि सकलडीहा में तालाब को पाटकर उस पर घर बना लिए गए हैं। वहीं टिमिलपुरा में सरकारी नाली पर निजी अस्पताल बना दिया गया। अन्य तालाब व भूमि भी अतिक्रमण का शिकार हैं। अधिकारियों द्वारा मिले जवाब से असंतुष्ट युवा मोर्चा अब अतिक्रमण के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के मूड में है।
सकलडीहा तहसील मुख्यालय पर एक दर्जन से अधिक सार्वजनिक तालाबों, खलिहान, खाद गड्ढा व नाले पर वर्षों से कतिपय लोगों का कब्जा है। इन्हें कब्जा मुक्त कराने में राजस्वकर्मी दिलचस्पी न दिखाकर 'दिया तले अंधेरा' वाली कहावत चरित्रार्थ कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इन्हें मुक्त कराने के लिए अधिकारियों से शिकायत नहीं की गई। पूर्व प्रधान प्रेमशंकर रस्तोगी ने इसके लिए काफी प्रयास किया लेकिन उनकी आवाज 'नक्कारखाने में तूती की आवा•ा' बनकर रह गई। नई पीढ़ी तो यह भी नहीं जानती कि उनके कस्बा में छह तालाब हैं क्योंकि इनमें से ज्यादातर अस्तित्वविहीन हैं।
तहसीलदार की ओर से भेजे गए जवाब में उन्हें यह बताया गया कि दोनों गांवों में तालाब सहित सभी भूमि सुरक्षित हैं जबकि शैलेन्द्र सहित ग्रामीण भी अतिक्रमण के मामलों से भली-भांति भिज्ञ हैं। आरटीआइ का जवाब हाथ मे लेकर शैलेन्द्र पूछते हैं कि क्या राजस्वकर्मी वास्तव में कस्बा की भौगोलिक स्थित से अनभिज्ञ हैं। जवाब ना है, क्योंकि इसकी शिकायत पूर्व में इनके कार्यालयों व तहसील दिवसों में की जा चुकी है। यकीनन इनमें शासनादेश को अमल में लाने की कटिबद्धता नहीं दिखती जबकि हाल में एक बार फिर मुख्यमंत्री ने नए सिरे से एंटी भू माफिया अभियान छेड़ने का आदेश दिया है। आरटीआइ एक्टीविस्ट शैलेन्द्र पांडेय तहसीलदार के जवाब को लेकर खिन्न हैं और अतिक्रमण के विरुद्ध आंदोलन चलाने को कटिबद्ध दिख रहे हैं।