अतिक्रमण की जद में मिनी महानगर, जिम्मेदार खामोश
मिनी महानगर इन दिनों अतिक्रमण की जद में आ चुका है। स्थिति सुधरने की बजाए बद से बदतर होती जा रही है। अतिक्रमणकारियों को न प्रशासन का खौफ है ना ही पुलिसिया कार्रवाई की ¨चता।
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली): मिनी महानगर इन दिनों अतिक्रमण की जद में आ चुका है। स्थिति सुधरने की बजाए बदतर होती जा रही है। अतिक्रमणकारियों को न प्रशासन का खौफ है ना ही पुलिसिया कार्रवाई की ¨चता। सूरत-ए-हाल ऐसी कि 14 मीटर चौड़ी सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं बची। कोतवाली के सामने की सड़क हो या लोक निर्माण विभाग की पटरी। कोई जगह नहीं बची जहां ठेले खोंमचे और सवारी वाहनों का कब्जा न हो। हालांकि कभी कभार पुलिस अतिक्रमण हटाओ अभियान जरूर चलाती है लेकिन कुछ दिनों बाद स्थिति फिर जस की तस हो जाती है।
नगर में जीटी रोड के दोनों किनारे बने फुटपाथ अतिक्रमण की चपेट में हैं। प्रशासन चाहकर भी यहां से अतिक्रमण हटाने में अब तक सफल नहीं हुआ है। कुछ महीने पूर्व एसडीएम, सीओ संयुक्त अभियान चलाकर बल पूर्वक चकिया त्रिमुहानी से कोतवाली तक अतिक्रमण हटाया था लेकिन दो-चार दिनों में ही स्थिति जस की तस हो गई। कोतवाली से चंद कदम पर अतिक्रमण
कोतवाली के निकट एक कन्या महाविद्यालय से नई सट्टी स्थित तक जीटी रोड के दक्षिणी पटरी पर अनाधिकृत वाहन स्टैंड, ठेले व खोमचों के कारोबारियों का कब्जा है। पुलिस कर्मी इसे देखकर भी खामोश रहते हैं। बेतरतीब खड़े करते वाहन
नई सट्टी स्थित दुर्गा मंदिर के सामने अनाधिकृत वाहन स्टैंड पर सवारी चढ़ाने व उतारने के दौरान सबसे ज्यादा जाम लगता है। दरअसल, अनाधिकृत वाहन स्टैंड के पास ही गल्लामंडी से आकर सड़क मिलती है। जीटी रोड के लगभग आधे हिस्से पर विक्रम, मैजिक आदि वाहनों के जमे रहने से ट्रैफिक की रफ्तार प्रत्येक पल थम जाती है। शीघ्र चलेगा अभियान: ईओ
नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी रोली गुप्ता ने बताया कि प्रशासन से फोर्स नहीं मिलने के कारण अभियान नहीं चल पा रहा। शीघ्र ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।