मकर संक्रांति के लिए सज गईं लाई-चूड़ा की दुकानें
हर्ष व उल्लास का प्रतीक मकर संक्रांति पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। इसके मद्?देनजर रविवार को नगर व कस्बा, बाजारों में चहल-पहल देखने को मिली। तिल, गुड़, चूड़ा व पतंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही। खासकर बच्चों व किशोरों में पतंगबाजी का उत्साह देखते ही बना। आसमान में रंग-बिरंगे पतंगें उड़ती नजर आई। सोमवार को भी चहुंओर भक्काटा का शोर सुनाई देगा। स्कूल से छुट्टी
जासं, चंदौली : हर्ष व उल्लास का प्रतीक मकर संक्रांति पर्व के लिए दुकानें सज गई हैं। इसके मद्देनजर रविवार को नगर व कस्बा, बाजारों में चहल-पहल देखने को मिली। तिल, गुड़, चूड़ा व पतंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही। खासकर बच्चों व किशोरों में पतंगबाजी का उत्साह देखते ही बना। आसमान में रंग-बिरंगे पतंगें उड़ती नजर आई। सोमवार को भी चहुंओर भक्काटा का शोर सुनाई देगा।
स्कूल से छुट्टी पाते ही बच्चे व किशोर पतंग व परेता लेकर घरों की छतों पर चढ़ जा रहे। देर शाम तक पतंगबाजी का दौर जारी हो जा रहा है। बीच-बीच में भक्कटा का शोर मकर संक्रांति पर्व का अहसास करा रहा है। लाई-चूड़ा के साथ ही मांझा व पतंग की दुकानों पर बच्चों की भीड़ बढ़ गई है। पर्व पर महंगाई का असर भी दिखने लगा है। डिमांड बढ़ते ही पतंग की कीमतों में उछाल आ गया है। दुकानदार दो से लेकर 30 रुपये तक में पतंग की बिक्री कर रहे हैं। जबकि मांझा की भी मोटी कीमत वसूली जा रही है। सरकार ने चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद चोरी-छीपे दुकानदारों द्वारा बिक्री की जा रही है। महंगाई का आलम यह है कि पिछले वर्ष 60 से 80 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला तिलकुट 100 से 120 रुपये, बादाम पट्टी 80 रुपये, रेवड़ी 60 रुपये, बिहार के गया का मशहूर तिलकुट 160 से 200 रुपये, खरमा 70 रुपये, लाई 40 रुपये, चना पट्टी 70 व चूड़ा 30 से 40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।