आंशकाओं के सामने हारीं दुआएं, मिली खबर शहीद हो गए अवधेश
अनहोनी की आशंकाओं से लड़ रही लाखों दुआएं अंतत: 13 घंटे बाद हार गईं। पूरी रात बंधी उम्मीदें सुबह छह बजे टूट गईं जब सीआरपीएफ प्रशासन की पीड़ित पिता के मोबाइल पर घंटी बजी। हैलो का जवाब मिला बाबूजी आपका लाडला एवं वीर सपूत देश के लिए कुर्बान हो गया।
जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : अनहोनी की आशंकाओं से लड़ रही लाखों दुआएं अंतत: 13 घंटे बाद हार गईं। पूरी रात बंधी उम्मीदें सुबह छह बजे टूट गईं जब सीआरपीएफ प्रशासन की पीड़ित पिता के मोबाइल पर घंटी बजी। हैलो का जवाब मिला बाबूजी आपका लाडला एवं वीर सपूत देश के लिए कुर्बान हो गया। उम्मीदें टूटी तो कोहराम मच गया, परिजन, रिश्तेदार, अपने, पराए सबकी आंखें नम हो गईं। हालात ऐसे हुए कि पीड़ित परिवार को ढाढ़स बंधाने पहुंचे लोगों के लिए खुद को संभालना मुश्किल हो गया। मुगलसराय कोतवाली अंतर्गत बहादुरपुर गांव के हरिकेश यादव के पुत्र एवं सीआरपीएफ जवान अवधेश भी जम्मू कश्मीर में तैनात थे। परिजनों को सीआरपीएफ की गाड़ी पर आतंकी हमले की भनक शाम में पांच बजे के इर्दगिर्द हुई। हमले के दर्जनों जवानों के मारे जाने की खबर ने पूरे परिवार को दहला कर रख दिया। उसके बाद मां, पिता, पत्नी, परिचितों की धड़कने एक के बाद एक आती खबरों से बैठती चलीं गईं। दरअसल, अवधेश उसी वाहन में तैनात रहे, जिसे आतंकियों ने निशाना बनाया था। सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में संपर्क पर राहत मिली कि अवधेश लापता हैं। उस समय तक बहादुरपुर में लोगों का मजमा लग चुका था, लिहाजा हजारों हाथ एक साथ दुवाएं मांगने को उठे .. किसी की जुबां हे ईश्वर, देवी मैया तो किसी ने या पर्वर दिगार, अल्लाह रहम कर के बोल फूटे। उम्मीदें तड़के तक कायम रहीं, जब सीओ प्रदीप ¨सह चंदेल पहुंचे। उन्होंने कहा कि अभी तक अनहोनी की कोई सूचना नहीं, ईश्वर सब अच्छा करेंगे। देर शाम से बलवती होती उम्मीदें पूरी रात बरकरार रहीं तो लगा कि दुवाओं के सामने आशंकाएं हार गईं लाल लौटकर घर आएगा। काली रात की खुशनुमा सुबह होने लगी थी अचानक मोबाइल बजी एक घंटी ने अवधेश पर मौत के झपट्टे की खबर ने माहौल को गमगीन कर दिया ..।