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कांशीराम आवास बनेंगे जेल, शासन को भेजी रिपोर्ट

निष्प्रयोज्य कांशीराम आवासों को अस्थाई जेल बनाया जाएगा। बिजली पेयजल समेत मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आवास लाभार्थियों को आवंटित नहीं किए जा सके हैं। जिले में ऐसे 144 कांशीराम आवास हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 05:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 05:12 PM (IST)
कांशीराम आवास बनेंगे जेल, शासन को भेजी रिपोर्ट
कांशीराम आवास बनेंगे जेल, शासन को भेजी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, चंदौली : निष्प्रयोज्य कांशीराम आवासों को अस्थाई जेल बनाया जाएगा। बिजली, पेयजल समेत मूलभूत सुविधाओं के अभाव में आवास लाभार्थियों को आवंटित नहीं किए जा सके हैं। जिले में ऐसे 144 कांशीराम आवास हैं। प्रदेश में लाखों की तादाद में आवास खाली पड़े हैं। शासन ऐसे आवासों को अस्थाई बंदी गृह बनाने पर विचार कर रहा है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी थी। शासन के फरमान के बाद परियोजना अधिकारी 'डूडा' कार्यालय की ओर से रिपोर्ट भेज दी गई है। शासन के निर्णय का इंतजार है।

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गरीब बेघरों को आशियाना मुहैया कराने के उद्देश्य से बसपा सरकार ने प्रदेश के नगरीय इलाकों में बहुमंजिला कांशीराम आवासों का निर्माण कराया था। आवासों को लाभार्थियों को आवंटित करने व देखरेख की जिम्मेदारी नगर निकायों को सौंपी गई थी। लेकिन निर्माण के एक दशक के बाद भी कांशीराम आवासों में बिजली, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। इसके चलते आवासों का आवंटन नहीं किया जा सका है। कमोवेश यही स्थिति धान के कटोरे में भी है। मुख्यालय व नियामताबाद क्षेत्र स्थित कांशीराम आवासों में बिजली व पेयजल की व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए उच्चाधिकारियों की ओर से एक्सईएन विद्युत और जलनिगम को निर्देशित किया गया था। लेकिन विभागीय प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से आवासों में आज तक बिजली नहीं पहुंची। वहीं पेयजल का भी इंतजाम नहीं हो सका। सरकार ने ऐसे आवासों को अस्थाई जेल बनाने की योजना बनाई है। अदालत में पेशी पर आने वाले मुजरिमों व पुलिस की ओर से पकड़े गए बंदियों को यहां कुछ समय के लिए रखा जाएगा।

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जिले में 144 आवासों ही नहीं हुआ आवंटन

कृषि प्रधान जनपद में 1644 कांशीराम आवासों का निर्माण कराया गया है। इसमें 1500 आवास लाभार्थियों को आवंटित कर दिए गए हैं। जबकि 144 आवासों में बिजली और पानी की टंकी का अभाव है। इसके चलते आवास निष्प्रयोज्य पड़े हुए हैं। लाख कवायद के बावजूद संसाधनों का टोटा दूर नहीं हो रहा। परियोजना अधिकारी कार्यालय की ओर से ऐसे आवासों को चिह्नित कर शासन को भेजी जा चुकी है।

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वर्जन :

शासन निष्प्रयोज्य कांशीराम आवासों को अस्थाई जेल बनाने पर विचार कर रहा है। शासन से जिले में खाली पड़े आवासों की सूचना मांगी गई थी। इसके अनुपालन में रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई है। शासन के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

संजय मौर्या, परियोजना अधिकारी, डूडा


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