जलेबी खाई तो बढ़ेगा नेता जी का खर्चा
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जासं, चकिया (चंदौली) : लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को नाश्ता कराने से लेकर भोजन तक के दाम को निर्वाचन आयोग ने तय कर दिया है। एक कार्यकर्ता को समोसा के साथ चाय पिलाई तो 12 रुपये और जलेबी खिलाई तो 150 रुपये किलो के हिसाब से दाम अदा करने होंगे। ऐसे में उम्मीदवारों को सोचना होगा कि दिन-रात मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को क्या खिलाएं, जिससे खर्चा कम हो। अब छह-सात कार्यकर्ता हों तो उन्हें इतनी महंगी जलेबी खिला भी दी जाए, लेकिन भारी भरकम फौज को खिलाने का मतलब सीधे तौर पर खर्च की कापी पर नेता जी का बजट बिगड़ जाएगा।
खाद्य वस्तुओं के मूल्य इस तरह तय किए गए कि खर्च का मीटर तेजी से बढ़ेगा। उम्मीदवार के सिपहसालार ने यदि सोचा भी कि चलो कार्यकर्ताओं को चौपाल में जलेबी खिला दी जाए तो नेताजी को पसीना आ जाएगा। क्योंकि अमूमन नाश्ते के रूप में ग्रहण की जाने वाली जलेबी की मिठास (कीमत) आयोग ने बढ़ा दी है, जबकि दुकान पर यह 80 से 100 रुपये किलो की दर से बिकती है।
दरियादिली दिखाई तो बढ़ेगा मीटर
निर्वाचन आयोग ने चुनाव में जिस तरह से खाने-पीने की वस्तुओं के मूल्य निर्धारित किए हैं। वे टू-स्टार होटल सरीखे हैं। नेता जी ने यदि दरियादिली दिखाई तो खर्चा का मीटर तेजी से ऊपर चढ़ेगा और फिर आयोग के सामने नेताओं की पोल खुल जाएगी।
कार्यकर्ता सम्मेलन में होगी मुश्किल
कार्यकर्ताओं को यूं तो खुलेआम चाय, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था पार्टी व प्रत्याशियों द्वारा की जाती है। इसका आकलन करना आयोग के लिए मुश्किल होता है। लेकिन किसी जनसभा अथवा कार्यकर्ता सम्मेलन में खर्च का आकलन करना आयोग के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आसान होगा। ऐसे में प्रत्याशी इस व्यवस्था की काट खोजने की जुगत जरूर लगाएंगे।