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जब बजट ही नहीं तो कैसे सुधरे गरीब बच्चों की सेहत

कोरोना काल में लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था अब गरीब बच्चों की सेहत पर भी असर डालने लगी है। परिषदीय स्कूलों में नामांकित बच्चों को घर बैठे भोजन उपलब्ध कराने की शासन की योजना पर बजट की मार पड़ी है। महीने भर के भोजन के लिए इस बार अभिभावकों के खाते में महज 126 रुपये ही भेजे जाएंगे। दरअसल जिले के

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 03:32 PM (IST)
जब बजट ही नहीं तो कैसे सुधरे गरीब बच्चों की सेहत
जब बजट ही नहीं तो कैसे सुधरे गरीब बच्चों की सेहत

जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना काल में लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था अब गरीब बच्चों की सेहत पर भी असर डालने लगी है। परिषदीय स्कूलों में नामांकित बच्चों को घर बैठे भोजन उपलब्ध कराने की शासन की योजना पर बजट की मार पड़ी है। महीने भर के भोजन के लिए इस बार अभिभावकों के खाते में महज 126 रुपये ही भेजे जाएंगे। दरअसल, जिले के बेसिक शिक्षा विभाग को इसके सापेक्ष ही धनराशि आवंटित हुई है।

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वैश्विक महामारी के दौर में स्कूलों में ताला लटक रहा है। ऐसे में शासन ने छात्र-छात्राओं को घर बैठे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। इसके तहत परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत जिले के दो लाख 34 हजार 965 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खातों में एमडीएम धनराशि भेजने का प्रविधान है। प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को प्रति माह 374 व पूर्व माध्यमिक के छात्रों को 561 रुपये देने का मानक निर्धारित किया गया है। लेकिन छात्र-छात्राओं को इसका बखूबी लाभ नहीं मिल पा रहा। बजट की कमी आड़े आ रही है। शासन स्तर से ही बेसिक शिक्षा विभाग को पर्याप्त बजट नहीं जारी किया जा रहा है। इसके चलते जून में प्राथमिक स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों के खाते में महज 54 रुपये और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को 80 रुपये दिए गए थे। वहीं इस बार प्राथमिक के छात्रों को 126 व पूर्व माध्यमिक छात्रों को 190 रुपये मिलेंगे।

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समस्त अभिभावकों के खातों में पहुंच रहा पैसा

शासन से निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि में मानक के सापेक्ष उतने ही छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जाएगी। शेष विद्यार्थियों के खाते में अगले माह धनराशि मिलेगी। लेकिन विवादों से बचने के लिए विभाग समस्त अभिभावकों के खातों में कम धनराशि भेज रहा है।

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हर माह मिल रहा राशन, कोटेदारों को जिम्मेदारी

वैश्विक महामारी के दौर में शासन के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों के छात्रों को हर माह मुफ्त राशन का वितरण कराया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को सात किलो 600 ग्राम राशन मिल रहा है। इसमें 5.50 किलो चावल व 2.50 किलो गेहूं शामिल है। जबकि पूर्व माध्यमिक छात्रों को 11 किलो 400 ग्राम राशन मिल रहा है। 7.60 किलो चावल व 3.80 किलो गेहूं दिया जाता है।

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वर्जन

'शासन के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों के बैंक खातों में हर माह एमडीएम धनराशि भेजी जा रही है। हालांकि शासन से कम बजट जारी होने की वजह से कम पैसा दिया जा रहा है। ग्रांट मिलने पर कमी की भरपाई की जाएगी।

नीरज सिंह, जिला समन्वयक, मिड-डे-मील


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