स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
स्वास्थ्यकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकार की ओर से महंगाई समेत अन्य भत्तों में कटौती किए जाने से स्वास्थ्य कर्मचारियों में नाराजगी है। कर्मियों ने मंगलवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। साथ ही सीएमएस डा. भूपेंद्र कुमार द्विवेदी को पीएम के नाम संबोधित पत्रक सौंपा। सरकार के निर्णय को अहितकर बताते हुए वापस लेने की मांग की। चेताया यदि सरकार ने कर्मचारियों के हित में निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन के लिए विवश होंगे।
कर्मचारियों ने कहा देश में महंगाई बढ़ती जा रही है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दाम में इजाफा हो रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से महंगाई भत्ता पर रोक लगाना सरासर गलत है। महंगाई के इस दौर में मूल वेतन के सहारे गुजारा करना मुश्किल साबित हो रहा है। इससे आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा। लोगों के पास पैसे की कमी आर्थिक मंदी की बड़ी वजह है। ऐसे में सरकार को सभी प्रकार के भत्तों को बहाल करते हुए सार्वजनिक सेवा क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से लिए गए कर्मचारी विरोधी निर्णय से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने भी भत्ता रोक दिया। कोविड-19 की चुनौतियों से जूझते सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन व भत्तों के महत्वपूर्ण हिस्से को लूटने का काम किया गया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य की सरकार अग्रणी भूमिका में है। यूपी सरकार ने नगर प्रतिकर भत्ते समेत अन्य पांच भत्तों पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित हुआ है। अवधेश कुमार पांडेय, रमाकांत यादव आदि मौजूद थे।