डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, 52 बेड सुरक्षित
एमसीएच विंग सदर में 25 बेड डेंगू के मरीजों के लिए सुरक्षित हैं। जिले में जनवरी से अब तक किट्स से 154 जांच की गई। इसमें 48 मरीज पाजीटिव पाए गए। मलेरिया के संभावित 96786 मरीजों की जांच की गई इनमें 9 लोग पाजीटिव पाए गए।
जागरण संवाददाता, चंदौली : मौसम बदलने के साथ ही वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। सरकारी व निजी अस्पतालों में हर दिन मरीजों की कतार लग रही है। अक्सर लोग डेंगू की पहचान करने गलती कर जाते हैं। वायरल बुखार को भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया समझ कर इलाज कराने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि दो-तीन दिन अगर बुखार रहे तो सामुदायिक अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और नि:शुल्क जांच कराएं। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें।
जिला मलेरिया अधिकारी पीके शुक्ला ने कहा कि डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। इसके लिए अस्पताल में 52 बेड सुरक्षित किए गए हैं। कहा कि जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देशन में जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मच्छर जनित बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। डेंगू की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। सभी सीएचसी व पीएचसी एवं दो चिकित्सालय में मच्छरदानी युक्त कुल 52 डेंगू बेड सुरक्षित किए गए हैं।
एमसीएच विंग सदर में 25 बेड डेंगू के मरीजों के लिए सुरक्षित हैं। जिले में जनवरी से अब तक किट्स से 154 जांच की गई। इसमें 48 मरीज पाजीटिव पाए गए। मलेरिया के संभावित 96786 मरीजों की जांच की गई, इनमें 9 लोग पाजीटिव पाए गए। डेंगू के संभावित मरीजों की प्रतिदिन जांच की जा रही है। जांच का नमूना वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय भेजा जा रहा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लोगों से अपील की जा रही है कि घर के बाहर कचरा न डालें। घर या बाहर गंदा पानी जमा न होने दें। घर में या घर के आसपास गड्ढ़ों, कंटेनरों, कूलरों आदि में पानी भरा हो और घास-फूस, गंदगी जमा हो तो इससे मच्छर पनपने की पूरी गुंजाइश होती है। ऐसी कोई भी जगह खाली न छोड़ें। किचन, बाथरूम के सिंक/वॉश बेसिन में भी पानी जमा न होने दें।