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कृषि विधेयक की प्रतियां जलाईं, नहीं बनेंगे गुलाम

जागरण संवाददाता चंदौली कृषि विधेयक के खिलाफ विपक्षी दल मुखर हो गए हैं। कांग्रेस कार्यकता

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 09:41 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 10:40 PM (IST)
कृषि विधेयक की प्रतियां जलाईं, नहीं बनेंगे गुलाम

जागरण संवाददाता, चंदौली : कृषि विधेयक के खिलाफ विपक्षी दल मुखर हो गए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधेयक की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। वहीं पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल से मिला। राज्यपाल के नाम संबोधित पत्रक सौंपा। केंद्र व प्रदेश सरकार को किसान व श्रमिक विरोधी बताते हुए नारेबाजी की। बोले, कांट्रैक्ट खेती की व्यवस्था लागू कर सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। कृषि विधेयक वापस नहीं लिया गया तो संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन किया जाएगा।

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केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से किसानों और श्रमिकों को गहरा आघात पहुंचा है। सरकार की नीतियों से कारपोरेट घरानों को ही लाभ होगा। पूर्व सांसद ने कहा, कृषि और किसान देश की अर्थव्यवस्था को संभालते हैं। सरकार अन्नदाताओं का उत्पीड़न कर रही है। यदि समय रहते कृषि और श्रमिक विधेयक को वापस नहीं लिया गया तो खेती बर्बाद हो जाएगी। किसानों की स्थिति बंधुआ मजदूरों जैसी हो जाएगी। लंबे समय के बाद किसानों की हालत में सुधार की उम्मीद जगी थी। लेकिन कांट्रैक्ट खेती से किसान दोबारा पुराने हाल में पहुंच जाएंगे। सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने कहा, सरकार को किसानों की चिता नहीं है। गन्ना किसानों का 13 हजार करोड़ रुपये बकाया अभी तक नहीं मिला। किसानों को कृषि लागत से डेढ़ गुना अधिक कीमत दिलाने व आय दोगुना करने के सरकार के वादे हवा-हवाई हैं। जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, पूर्व विधायक पूनम सोनकर, मनोज कुमार सिंह डब्लू, बब्बन चौहान, बलिराम यादव, नफीस अहमद गुड्डू, चंद्रशेखर यादव, दिलीप पासवान आदि मौजूद थे। उधर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में कृषि विधेयक की प्रतियां जलाईं। जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा सरकार किसानों का शोषण करना चाहती है। अन्नदाताओं को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का लाभ नहीं मिलेगा। कांट्रैक्ट फार्मिंग की व्यवस्था लागू कर किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान अपने खेत में ही मजदूर बन जाएगा। देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना, मधु राय, शशिनाथ उपाध्याय, गंगा प्रसाद, अरुण द्विवेदी, प्रदीप मिश्रा, मुनीर खान आदि मौजूद थे। कृषि विधेयक के खिलाफ अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय पर जुलूस निकाला। केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डीएम को पत्रक सौंपकर मांगों से अवगत कराया। शशिकांत सिंह, रमेश राय, श्यामदेई, किस्मत यादव, संजय यादव, विजई, यशवंत बिद आदि मौजूद थे।


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