शाकाहार से मन में जागृत होती अच्छी प्रवृत्ति
जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) स्वस्थ भोजन ही व्यक्तियों के तन और मन को निरोगी रखता है।
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली): स्वस्थ भोजन ही व्यक्तियों के तन और मन को निरोगी रखता है। इस वातावरण में मांसाहार एवं शाकाहार दो प्रकार के भोजन करने वाले लोग जीवन यापन करते हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि मांसाहार अपेक्षाकृत स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा अच्छा नहीं जबकि शाकाहार से मन में अच्छी प्रवृत्ति जागृत होती है। विश्व शाकाहारी दिवस पर तमाम लोगों ने इससे तौबा करने की शपथ लेने की बात कही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि साग- सब्जियों से अधिक प्रोटीन मिलता है। इससे शाकाहार लोगों का रक्तचाप सामान्य रहता है जबकि मांस का अधिक सेवन करने वाले ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार होते हैं। ऐसा अब तक हुए कुछेक शोधों में दावे भी किए जाते रहे हैं। शोध के अनुसार उन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा पाया गया, जो मांस से अधिक प्रोटीन प्राप्त करते थे। हालांकि इसका सेवन करने वालों की संख्या अधिक है लेकिन विश्व शाकाहारी दिवस के मौके पर बातचीत के दौरान शाकाहारों ने इसके बहिष्कार पर जोर दिया। मांस खाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका सेवन करने से लोगों में हिसा की भावना अधिक पैदा होती है। साथ ही अपने बीमारियां भी पैदा होती है।
- पंचानंद मिश्र, किसान। मांस खाने से इंसान का मन दूषित होता है। साथ ही त्वचा को भी नुकसान पहुंचता है। मांस नहीं खाना चाहिए। किसी जीव की हत्या के बाद उसका मांस खाना सेहत के लिए हानिकारक है। - सरोज पांडेय, शिक्षक। मांस खाने से लोगों की मानसिकता बदलने लगती है। अच्छे कार्यों से लोग विमुख होने लगते हैं और हिसा की भावना बढ़ती है। - रत्नेश यादव, युवा। विश्व शाकाहारी दिवस पर विशेषतौर पर युवाओं को मांस छोड़ने की शपथ लेनी चाहिए। मांस का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता जा रहा है। मांस के सेवन से शरीर मे कई प्रकार की विकृतियां पैदा हो रही हैं।'' - सरिता, समाजसेविका।