Move to Jagran APP

प्रेम के वशीभूत होते हैं भगवान

बाबा जागेश्वर नाथ धाम आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा की छठवी निशा बुधवार को वृंदावन से पधारे मुकेश आनंद जी ने प्रभु श्री राम की महिमा का गुणगान किया। हजारों की तादात में जुटे श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया। पोथी की भव्य आरती की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 08:12 PM (IST)
प्रेम के वशीभूत होते हैं भगवान
प्रेम के वशीभूत होते हैं भगवान

जासं, चकिया (चंदौली) : बाबा जागेश्वर नाथ धाम पर आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा की छठवीं निशा पर बुधवार को वृंदावन से पधारे मुकेश आनंद जी ने प्रभु श्री राम की महिमा का गुणगान किया। हजारों की तादात में जुटे श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया। कार्यक्रम में भव्य आरती ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

loksabha election banner

कथा वाचक मुकेश आनंद ने कहा कि भगवान प्रेम के वशीभूत होते हैं। इन्हें सहज मार्ग से पाया जा सकता है। प्रभु श्रीराम ने वंचित तबके को अपनाया। वन गमन में सबरी से लेकर निषाद राज तक को अपनाया। रीछ के माध्यम से आततायी रावण का वध कर राक्षसों का विनाश किया। सबरी के जूठा बेर व निषाद के प्रेम के आगे प्रभु ने सब कुछ प्रदान किया। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में हनुमान जी की भक्ति अतुलनीय है। भरत के त्याग व तपस्या की तुलना किसी अन्य से संभव नहीं हैं। इसी तरह लक्ष्मण माता, कौशल्या, सुमित्रा, उर्मिला के चरित्र वंदनीय है। कथा के समापन पर भव्य आरती व प्रसाद का वितरण किया गया। अर¨वद ¨सह, कमलेश पांडेय, हौसिला जायसवाल, नित्यानंद पांडेय, रामभरोस समेत तमाम लोग उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.