प्रेम के वशीभूत होते हैं भगवान
बाबा जागेश्वर नाथ धाम आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा की छठवी निशा बुधवार को वृंदावन से पधारे मुकेश आनंद जी ने प्रभु श्री राम की महिमा का गुणगान किया। हजारों की तादात में जुटे श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया। पोथी की भव्य आरती की।
जासं, चकिया (चंदौली) : बाबा जागेश्वर नाथ धाम पर आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा की छठवीं निशा पर बुधवार को वृंदावन से पधारे मुकेश आनंद जी ने प्रभु श्री राम की महिमा का गुणगान किया। हजारों की तादात में जुटे श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया। कार्यक्रम में भव्य आरती ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कथा वाचक मुकेश आनंद ने कहा कि भगवान प्रेम के वशीभूत होते हैं। इन्हें सहज मार्ग से पाया जा सकता है। प्रभु श्रीराम ने वंचित तबके को अपनाया। वन गमन में सबरी से लेकर निषाद राज तक को अपनाया। रीछ के माध्यम से आततायी रावण का वध कर राक्षसों का विनाश किया। सबरी के जूठा बेर व निषाद के प्रेम के आगे प्रभु ने सब कुछ प्रदान किया। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में हनुमान जी की भक्ति अतुलनीय है। भरत के त्याग व तपस्या की तुलना किसी अन्य से संभव नहीं हैं। इसी तरह लक्ष्मण माता, कौशल्या, सुमित्रा, उर्मिला के चरित्र वंदनीय है। कथा के समापन पर भव्य आरती व प्रसाद का वितरण किया गया। अर¨वद ¨सह, कमलेश पांडेय, हौसिला जायसवाल, नित्यानंद पांडेय, रामभरोस समेत तमाम लोग उपस्थित थे।