गंगा का जलस्तर स्थिर, तटवर्ती इलाकों में राहत
छह दिनों से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर गुरुवार को स्थिर हो गया। बलुआ टांडा सैदपुर में जलस्तर दो फीट घटने से तटवर्ती इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि गंगा के तट पर बनी स्थाई दुकानें बाजार में चली गई हैं। पानी टांडाकला मां घटवारी मंदिर व बाजार जाने वाले मार्ग तक पहुंच गया था। सैदपुर गंगा नदी में बने पक्का पुल के नीचे से पानी की जलधार बह रही है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्र भूपौलीडे
जासं, टांडाकला (चंदौली) : छह दिनों से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर गुरुवार को स्थिर हो गया। बलुआ, टांडा, सैदपुर में जलस्तर दो फीट घटने से तटवर्ती इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि गंगा के तट पर बनी स्थाई दुकानें बाजार में चली गई हैं। पानी टांडाकला मां घटवारी मंदिर व बाजार जाने वाले मार्ग तक पहुंच गया था। सैदपुर गंगा नदी में बने पक्का पुल के नीचे से पानी की जलधार बह रही है।
गंगा के तटवर्ती क्षेत्र भूपौली,डेरवा,महड़ौरा,कावर, पकड़ी, महुवरीया, विशापुर, महुआरी, सराय, बलुआ,डेरवा, महुअर जुड़ा हरधन, गंगापुर, पुराविजयी, पुरागनेश, सोनवरसा, टांडा कला, महमदपुर, सरौली, जमालपुर, बड़गांवा, शेरपुर, सरैया, हसनपुर, तिरगाव,भूसौला, मकुंन्दपुर,नादी,निधौरा, सहेपुर सहित दर्जनों गांव बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। बढ़ते जलस्तर से गंगा कटान के चलते सैकड़ों एकड़ भूमि गंगा नदी में समाहित हो रही है। पानी घटने से किसान राहत महसूस कर रहे हैं। तटवर्ती इलाके के किसानों ने बताया कि वर्ष 2013 में बाढ़ के चलते फसल, पशुओं का चारा व बच्चों को भोजन पानी के लिए काफी परेशानी हुई थी। लोग परिवार के साथ रात भर जाग कर बिता रहे थे। फिलहाल जल स्तर घटने से खतरे की घड़ी टल गई है। यदि आने वाले दिनों में बारिश हुई तो लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।