सौभाग्य से रोशन गांवों में चोरी का उजाला
सरकार की मंशा भले ही हर घर को रोशन करने की हो, लेकिन कटियामारी थम नहीं रही। ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे मजरे, गांव सौभाग्य योजना से रोशन हो गए। अब भी उनमें चोरी से'उजाला'हो रहा है। विद्युत विभाग ने प्रचार-प्रसार को कैंप भी लगाए। ग्रामीणों ने इसके बाद भी कनेक्शन लेने में रुचि नहीं दिखाई। प्रधान व सेक्रेटरी को जिम्मेदारी तो दी गई, लेकिन उन्होंने मदद से मुंह फेर लिया।
जासं, चकिया (चंदौली) : सरकार की मंशा भले ही हर घर को रोशन करने की हो, लेकिन कटियामारी थम नहीं रही। ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे मजरे, गांव सौभाग्य योजना से रोशन हो गए। अब भी उनमें चोरी से 'उजाला' हो रहा है। विद्युत विभाग ने प्रचार-प्रसार को कैंप भी लगाए, लेकिन ग्रामीणों ने इसके बाद भी कनेक्शन लेने में रुचि नहीं दिखाई। प्रधान व सेक्रेटरी को जिम्मेदारी तो दी गई, लेकिन उन्होंने मदद से मुंह फेर लिया।
विडंबना यह कि ग्रामीण अंचलों में अभी भी हजारों परिवार में कनेक्शन नहीं है। चोरी की बिजली से बल्ब टिमटिमा रहे हैं। एलईडी, सीएफएल नहीं, बल्कि 100 वाट के बल्ब से ऊर्जा खपत की जा रही। विभाग ने चोरी से बिजली जलाते पकड़े जाने पर भी सहूलियत दी और मुफ्त कनेक्शन भी बांटे गए। लेकिन कैंप लगा कर कनेक्शन देने की योजना सफल नहीं हो सकी। ग्रामीणों के रुचि न लेने से विभागीय अधिकारियों के माथे पर बल पड़ने लगा है। इंजीनियरों ने गांव, मजरों का विद्युतीकरण तो कर दिया गया है। लेकिन, कार्यदाई संस्था ने कई गांवों की लाइन मसलन तार, खंभे, ट्रांसफार्मर अभी तक विभाग को हस्तांतरित नहीं की। कुछ बस्तियों में अब भी बिजली के तार बांस-बल्ली के सहारे खींचे गए हैं।
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वर्जन
'सौभाग्य योजना का लक्ष्य पूरा होने के करीब है। कनेक्शन लेने को एक मौका और दिया जाएगा। गांवों में 31 जनवरी तक विशेष कैंप लगाए जाएंगे। ग्रामीणों को कटिया हटाओ संयोजन पाओ योजना के लिए प्रेरित किया जा रहा। चोरी से कोई बिजली उपभोग नहीं कर सकेगा।'
प्रमोद कुमार, अवर अभियंता विद्युत