बाढ़ का कहर, डंपर, क्रेन पानी में डूबे
जिस बात की आशंका थी वह सच साबित हुई। मंगलवार को दूसरे ही दिन मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर लोगों के सिर चढ़कर बोला। पहाड़ी इलाकों से जल प्रवाह तूफान की तरह चला तो कर्मशाना नदी किनारे से जान बचाकर लोगों को भागना पड़ा। उनके सात डंफर, क्रेन बाढ़ में डूब गए। 72 घंटे की चहुंओर बारिश का गंगा में असर हुआ तो कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, गड़ई नदियां उफना गईं।
जागरण संवाददाता, चंदौली : जिस बात की आशंका थी वह सच साबित हुई। मंगलवार को दूसरे ही दिन मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर लोगों के सिर चढ़कर बोला। पहाड़ी इलाकों से जल प्रवाह तूफान की तरह चला तो कर्मशाना नदी किनारे से जान बचाकर लोगों को भागना पड़ा। उनके सात डंपर, क्रेन बाढ़ में डूब गए। 72 घंटे की चहुंओर बारिश का गंगा में असर हुआ तो कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, गड़ई नदियां उफना गईं। नदी एंव बांधों किनारे के रहवासी सुरक्षित ठिकानों की तलाश में नाव लेकर निकल पड़े। कर्मनाशा का रौद्र रूप देख तटवर्ती इलाके के लोग भयभीत हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी करते हुए ¨सचाई इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है। जानकारों के मुताबिक बारिश थमने के बाद भी हालात सामान्य होने दो से तीन दिन लग जाएंगे।
सोमवार को नौगढ़, मूसाखांड़, चंद्रप्रभा बांधों के भरने से लतीफशाह बीयर उफना गया। चार फीट पानी गिरने से निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। सोनभद्र में हुई भीषण बारिश का पानी बाधों में पहुंचने से लबालब बांध को सुरक्षित रखने के ²ष्टिगत 49 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ¨सचाई इंजीनियर पल-पल पर नजर जमाए हुए हैं। वहीं तटवर्ती क्षेत्रों के गांवों में पानी घुसने से ग्रामीण सुरक्षित स्थान को पलायन करने लगे हैं। बरहनी के आधा दर्जन गांवों का सम्पर्क टूट गया है।
बांधों का जलस्तर
चंद्रप्रभा में 771 फीट, मूसाखांड़ में 353 फीट, नौगढ़ बांध में 896 फीट पानी भरा गया है। पानी के बढ़ते लेवल के ²ष्टिगत ही पानी डिसचार्ज किया जा रहा है। इंजीनियर खुद पानी के लेवल पर नजर बनाए हुए हैं। बांधों की स्थिति प्रति घंटा खुद अधिशासी अभियंता चेक कर रहे। पानी में डूब गए डंपर, ट्रेलर
सोमवार की रात्रि में अचानक कर्मनाशा नदी का जलस्तर बढ़ने से नौबतपुर के पास बिहार सीमा मे बीएससीसी एण्ड सीसी.कंपनी के सात डंपर, ट्रेलर व एक क्रेन पानी में डूब गई। किसी तरह भाग कर कर्मियों ने अपनी जान बचाई। बिहार सीमा में खजुरा के पास कर्मनाशा नदी पर पुल बनाने के लिए बीएससीसी एंड सीसी कंपनी का कैंप लगा हुआ है। देर रात्रि कंपनी के कर्मी खाना खाने के बाद सो गए । रात्रि में कर्मनाशा नदी में अचानक उफना गई। इससे कंपनी के कैंप में अफरा-तफरी मच गई । कंपनी के सुपरवाइजर अनिल ¨सह ने बताया कि कंपनी का कैंप सहित सात डंपर व एक क्रेन नदी मे डूब गया है ।
कटान का सिलसिला जारी
गंगा के जल स्तर में वृद्धि से तटवर्ती गांवों के किसानों की भूमि गंगा में समाहित हो रही है। किसान चाहकर भी अपनी पूंजी को बचाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। पड़ाव, चहनियां, धानापुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों की खेती योग्य भूमि गंगा की जलधारा में समा रही है।
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पानी में डूबे कई गांव
कर्मनाशा नदी में बांधों का पानी छोड़े जाने से उफान आ गया है। इससे बरहनी के तटवर्ती इलाके के दर्जनों गांवों के सिवान जलमगन हो गये हैं। धनाइतपुर, अरंगी, लोहरा, जेवरीयाबाद, अदसड़ आदि गांवों के सिवान जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुट गए हैं।