Move to Jagran APP

नक्सल क्षेत्र में नकली नोटों का कारोबार खतरनाक

नकली नोट के सौदागरों का जाल नक्सल क्षेत्र तक पहुंच गया है। अभी तक यहां सोने व चांदी के सिक्कों का सब्जबाग दिखाकर लोगों को ठगने का कार्य होता आया है

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:31 PM (IST)
नक्सल क्षेत्र में नकली नोटों का कारोबार खतरनाक
नक्सल क्षेत्र में नकली नोटों का कारोबार खतरनाक

जासं, चकिया (चंदौली): नकली नोट के सौदागरों का जाल नक्सल क्षेत्र तक पहुंच गया है। अभी तक यहां सोने व चांदी के सिक्कों का सब्जबाग दिखाकर लोगों को ठगने का कार्य होता आया है।

loksabha election banner

भारतीय मुद्रा के नकली रूप का थोक में यहां कारोबार होता है। यह किसी को पता नहीं था लेकिन बीते 17 अक्टूबर को एटीएस वाराणसी व कोतवाली पुलिस ने जब पटना के बाल अपचारी को सहदुल्लापुर तिराहे से पकड़ा गया। क्षेत्र में नकली नोट के सौदागरों का स्थानीय कनेक्शन को लेकर चर्चाएं आम हैं। लोगों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के माल्दा निवासी तस्कर का किससे संबंध है? नकली मुद्रा के कारोबार में आखिर कौन मददगार है? जाहिर सी बात है यह पहली खेप नहीं रही होगी। इसके पूर्व भी यहां दो हजार के नोटों की आमद स्थानीय नकली नोटों के करोबारियों ने अवश्य ही कराया होगा। अब सवाल यह उठता है कि यह नकली नोट किस मार्केट में खपाए गए हैं। बड़ी तादात में नोटों को खपाना मुश्किल काम हैं। अब पुलिस के सामने चुनौती है कि पूर्व में सप्लाई किए गए नकली नोटों की पड़ताल करते स्थानीय कारोबारी तक पहुंचे। हालांकि माल्दा में बैठे बप्पा नामक जाली मुद्रा के कारोबारी ने बड़ी चालाकी से नोटों को भेजने के लिए किशोरों को लगा रखा है। शातिर बप्पा किशोरों को कैरियर इस लिए बनाया कि इन्हें कानूनी फंदे से आसानी से बचाया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.