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बाहरी प्रत्याशी की अटकलें तेज, बदलेगा चुनावी समीकरण

लोकसभा 2019 के चुनावी महासमर में चंदौली में अंतिम चरण के मतदान को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 22 अप्रैल से आरंभ होने वाली नामांकन प्रक्रिया में मात्र एक दिन ही शेष रह गए हैं। भाजपा ने जहां एक बार फिर सांसद डा. महेंद्रनाथ पाण्डेय पर दांव आजमाया है वहीं कांग्रेस व जन अधिकार पार्टी की संयुक्त प्रत्याशी शिव कन्या कुशवाहा अपना भाग्य आजमा रही हैं। लेकिन सपा बसपा (गठबंधन) की ओर से प्रत्याशी की घोषणा न होने से अटकलों का बाजार गरम है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 10:20 PM (IST)
बाहरी प्रत्याशी की अटकलें तेज, बदलेगा चुनावी समीकरण
बाहरी प्रत्याशी की अटकलें तेज, बदलेगा चुनावी समीकरण

जागरण संवाददाता, चंदौली : लोकसभा 2019 के चुनावी महासमर में चंदौली में अंतिम चरण के मतदान को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 22 अप्रैल से आरंभ होने वाली नामांकन प्रक्रिया में मात्र एक दिन ही शेष रह गए हैं। भाजपा ने जहां एक बार फिर सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय पर दांव आजमाया है, वहीं कांग्रेस व जन अधिकार पार्टी की संयुक्त प्रत्याशी शिव कन्या कुशवाहा अपना भाग्य आजमा रही हैं। लेकिन सपा, बसपा (गठबंधन) की ओर से प्रत्याशी की घोषणा न होने से अटकलों का बाजार गरम है। पार्टी सूत्रों की मानें तो शीर्ष नेतृत्व बाहरी प्रत्याशी उतारने के मूड में है। ऐसे में सत्ता के गलियारों में चुनावी समीकरण बदलने की संभावना को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सियासी सुरमाओं का मानना है कि बाहरी प्रत्याशी के आने से जीत की तस्वीर कुछ और हो सकती है।

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चंदौली संसदीय सीट पर पांच विधानसभाओं में कुल 17 लाख 19 हजार 383 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। चंदौली सीट में मुगलसराय, सैयदराजा व सकलडीहा विधानसभा के साथ वाराणसी की दो विधानसभा शिवपुर व अजगरा शामिल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने चार लाख 14 हजार 135 मत पाकर निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के अनिल मौर्य को एक लाख 56 हजार 756 वोटों के अंतर से हराया था। सपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद रामकिशुन को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। उन्हें दो लाख चार हजार 145 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे। बहरहाल 2019 में कांग्रेस ने जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है। गठबंधन प्रत्याशी की घोषणा में हो रही देरी के कारण फिलहाल अभी ऊंट किस करवट बैठेगा स्पष्ट नहीं हो पा रहा। इस बीच बाहरी उम्मीदवार के आने की चर्चाओं से महासमर में विजय के रूख में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।


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