साधना के साथ रखें सेहत का भी ख्याल नहीं तो खराब होगा हाल
जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) वासंतिक नवरात्र की शुरुआत 13 अप्रैल को हो गई है। जगत जन
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : वासंतिक नवरात्र की शुरुआत 13 अप्रैल को हो गई है। जगत जननी मां जगदंबा के भक्त नौ दिनों तक व्रत रखेंगे। ऐसे में साधना के साथ-साथ उन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। क्योंकि जरा-सी लापरवाही उनकी साधना में बाधक बन सकती है। चिकित्सकों का कहना पानी की कमी, तली-भुनी चीजें का सेवन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। व्रतियों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वासंतिक नवरात्र का पर्व 21 अप्रैल को समाप्त होगा। इस बीच मां दुर्गा के भक्त आठ दिन तक व्रत रखेंगे। उपवास के दौरान ज्यादातर व्रती अन्न त्यागकर फलाहार सेवन करते हैं। पानी का सेवन भी कम हो जाता है। अन्न के स्थान पर वैकल्पिक चीजों का इस्तेमाल अधिक होता है, जो तली-भुनी होती हैं। यही व्रत रखने वालों की परेशानी का सबब बनता है।
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- सेहत खराब कर सकता मिलावटी कुट्टू
अन्न के तौर पर व्रत रखने वाले लोग कुट्टू का आटा इस्तेमाल करते हैं। बाजार में मिलने वाले इस आटा में मिलावट की संभावना अधिक रहती है। इससे व्रतियों की सेहत पर असर पड़ सकता है। चिकित्सक के मुताबिक, मिलावटी कुट्टू के आटा से उल्टी, दस्त की शिकायत हो सकती है। सिघाड़ा का मिलावटी आटा भी सेहत को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में परख कर इनका सेवन करना चाहिए।
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पीएचसी शहाबगंज की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाक्टर कांति त्रिपाठी ने कहा, शरीर में पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन होता है। ऐसे में व्रतधारी बेहोश हो सकता है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। तली-भूनी वस्तुओं के सेवन से परहेज करें। इससे गैस, सिरदर्द के साथ पेट भी खराब हो सकता है। व्रत के दौरान तरल पदार्थ जैसे दूध, जूस, दही आदि लेते रहें। व्रत के दौरान दूर की यात्रा पर न निकलें।