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भू माफिया 'चकबंदी के चम्मच' से खा रहे मलाई

चकबंदी की आड़ में भू-माफिया करोड़ों का खेल कर रहे हैं। सबकुछ ज्यादा मालियत की भूमि को कौड़ियों वाले में दर्शाकर किया जा रहा है। भ्रष्टचार के इस खेल से से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा तो भूमाफियों की जेबें भर रही हैं। ग्राम प्रधान, इलाकाई लोगों के शोर मचाने के बावजूद हुक्मरानों ने जांच की बात जरूर कही लेकिन जमीन पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 04:46 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 06:30 PM (IST)
भू माफिया 'चकबंदी के चम्मच' से खा रहे मलाई
भू माफिया 'चकबंदी के चम्मच' से खा रहे मलाई

जागरण संवाददाता, धानापुर (चंदौली) : चकबंदी की आड़ में भू-माफिया करोड़ों का खेल कर रहे हैं। सबकुछ ज्यादा मालियत की भूमि को कौड़ियों वाले में दर्शाकर किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल से से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा तो भूमाफियों की जेबें भर रही हैं। ग्राम प्रधान, इलाकाई लोगों के शोर मचाने के बावजूद हुक्मरानों ने जांच की बात जरूर कही लेकिन जमीन पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा। हालांकि, पब्लिक के शोर मचाने से मामले ने सियासी रंग जरूर पकड़ लिया है। सत्ताधारी विधायक ने मामले में दूध-पानी अलग कराने का भरोसा दिया है। मामला हाईप्रोफाइल होने के बाद चकबंदी प्रशासन ने भी कमियां स्वीकारते कार्रवाई की बात कही है।

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ब्लाक अंतर्गत धानापुर ग्राम सभा में इन दिनों चकबंदी में धारा 52 का प्रकाशन होने वाला है। भू-माफियाओं का संगठित गिरोह चकबंदी की आड़ में कीमती जमीनों का बंदरबाट करने में लगा है। मसलन, कब्रिस्तान, तालाब और शमशान भूमि की मालियत लगाकर उसके एवज ग्रामसभा की कीमती जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश की जा रही है। यही नहीं ढिठाई दिखाते हुए कीमती जमीनों को बेचा जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सबकुछ मिलीभगत से होने के कारण उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में बंजर सहित सार्वजनिक भूमि पर कब्जा होने के बावजूद हम छाती पीटने से ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। चकबंदी से जुड़े कुछ कर्मियों पर भी मिली भगत के छींटे पड़ने लगे हैं। अधिवक्ता शिवप्रताप ¨सह ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अंकुश लगाने की मांग उठाई है। ग्राम प्रधान प्रधान प्रतिनिधि रामशरण यादव ने बताया कि हमने डीएम, एसडीएम, सीओ चकबंदी से लिखित शिकायत की है। अधिकारियों ने भरोसा भी दिया है, चकबंदी में पारदर्शिता रहेगी। शिकायत की जांच कराकर भूमाफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। चकबंदी विभाग के सीओ रामअवध यादव ने स्वीकार किया कि कमियां हुईं हैं, जिसे दुरुस्त कराया जाएगा। भूमाफियाओं के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाएंगे। ग्राम सभा सुरक्षित रहेगी।


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