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नरसंहार के विरोध में दिया धरना

सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार के खिलाफ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के सदस्यों ने बुधवार को मुख्यालय स्थित बिछिया धरना स्थल पर धरना दिया। शासन-प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। सुरक्षा सुनिश्चित न किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 07:55 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 06:22 AM (IST)
नरसंहार के विरोध में दिया धरना
नरसंहार के विरोध में दिया धरना

जासं, चंदौली : सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार के खिलाफ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के सदस्यों ने बुधवार को मुख्यालय पर धरना दिया। शासन-प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। सुरक्षा सुनिश्चित न किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

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वक्ताओं ने कहा सोनभद्र जिले के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को सुनियोजित तरीके से हमला कर 10 गरीब आदिवासियों की हत्या कर दी गई। जबकि 35 लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। इसमें चार की हालत चिताजनक बनी हुई है। जिला प्रशासन ने सब कुछ जानते हुए भी गरीबों की रक्षा करने की बजाए परोक्ष रूप से भू-माफियाओं का सहयोग किया। इसके चलते दबंगों ने बर्बरतापूर्वक गोलियों से भून दिया। लाठी-डंडे से हमलाकर लोगों को अधमरा कर दिया गया। कहा आजादी के पहले से ही जमीन पर आदिवासियों का स्वामित्व था। लेकिन बिहार के आइएएस ने साजिश के तहत भूमि अपने नाम करा ली। इसके चलते कई बार टकराव की स्थिति पैदा हुई और जिला प्रशासन की नाकामी के चलते इतनी बड़ी घटना हुई। केंद्र व प्रदेश सरकार गरीबों का उत्पीड़न कर रही है। आए दिन तमाम तरह के मामले सामने आ रहे हैं। चेताया कि यदि गरीबों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो उग्र आंदोलन को विवश होंगे। रामबली सत्यार्थी, ध्रमेंद्र कुमार, लालबहादुर, रमाशंकर मौर्या, रमेश कुमार, सतीश कुमार, उत्तम निराला मौजूद थे।


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