जांच कक्ष में भीड़, संक्रमण का खतरा
???? ??????? ?? ??????? ???????? ????? ????? ??? ?????? ? ???? ?????????? ?? ??? ????? ???? ??? ????? ?? ??? ?? ???? ?????? ??? ????? ?? ???? ??? ???? ??? ???? ??????????? ? ?????? ??????? ?? ??? ???? ??? ?????? ???? ???
जासं, चंदौली : जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। मरीजों व उनके तीमारदारों पर कोई अंकुश नहीं है। ओपीडी के साथ ही जांच कक्षों में लोगों की भीड़ लगी रहती है। इससे फार्मासिस्ट व तकनीकी सहायकों को काम करने में दिक्कत होती है। साथ ही मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है। अस्पताल प्रशासन की ओर से कई बार पुलिस विभाग को पत्र भेजकर कांस्टेबल तैनात करने की मांग की गई, लेकिन आज तक अमल नहीं किया गया। इससे परेशानी बढ़ती जा रही।
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे आदि जांच की सुविधा मौजूद है। चिकित्सकों की ओर से ओपीडी में आने वाले मरीजों को जांच के लिए भेजा जाता है। इस दौरान मरीजों के साथ ही उनके परिजन अथवा तीमारदार भी जांच कक्ष में जमा हो जाते हैं। इससे फार्मासिस्ट व तकनीकी सहायकों को काम करने में काफी परेशानी होती है। वहीं मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बरकरार रहता है। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से कई बार विरोध जताया गया, लेकिन मरीजों के साथ आने वाले लोग उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं। कभी-कभी टकराव की नौबत तक आ जाती है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को बैकफुट होना पड़ता है। सीएमएस की ओर से कई बार पुलिस विभाग को पत्र भेजकर जांच कक्षों के बाहर कांस्टेबल की तैनाती की मांग की गई, लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अरविद कुमार सिंह ने बताया कि जांच कक्ष के बाहर कांस्टेबल की तैनाती को पुलिस विभाग को पत्र भेजा गया था, लेकिन आज तक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई गई।