Move to Jagran APP

नक्सल क्षेत्र में कागजों में चल रहा स्वच्छता अभियान

जासं, शहाबगंज(चंदौली): विकास खंड में स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है। कारण, 13

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 25 Mar 2018 11:57 PM (IST)
नक्सल क्षेत्र में कागजों में चल रहा स्वच्छता अभियान
नक्सल क्षेत्र में कागजों में चल रहा स्वच्छता अभियान

जासं, शहाबगंज(चंदौली): विकास खंड में स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है। कारण, 13 गांवों में सफाईकर्मी का पद महीनों से रिक्त पड़ा है। बहुतेरे कर्मी तो गांव में यदा-कदा ही जाते हैं और खानापूरी कर वेतन ले लेते हैं। इसके चलते गली-कूचों में कूड़े का अंबार लगने के साथ नालियां जाम पड़ी हैं। निकल रही दुर्गंध से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है।

loksabha election banner

भारत सरकार स्वच्छता अभियान के तहत करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। ताकि गांव-गिरांव को स्वच्छ रखा जा सके। प्रत्येक ग्राम पंचायत व राजस्व गांवों में सफाई कर्मी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन विडंबना है कि ये कर्मी गांवों में जाते ही नहीं। वहीं केरायगांव, मझुई, बटौवां, उसरी, मंगरौर, चमारीपुर, लेदवाकला, माल्दह, मुबारकपुर, बनौली समेत 13 गांवों में सफाईकर्मी की तैनाती ही नहीं है। इससे जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा रहता है। मजे की बात यह है कि चोक नालियों का गंदा पानी मुख्य सड़क सहित गलियों में बहने से ग्रामीण परेशान हैं। आवागमन में मुश्किल हो रही है। विभाग की अनदेखी के चलते कुछ गांवों में तो जागरूक लोग खुद सफाई करना शुरू कर दिए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि खाली पड़े गांवों में सफाईकर्मी की तैनाती के लिए फरियाद की जा चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदार हुक्मरान नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। मालदह गांव की स्थिति बेहद खराब है। यहां नाली का पानी ओवरफ्लो कर सड़क पर बह रहा है। इसके चलते प्राथमिक विद्यालय के समीप जल जमाव हो गया है। बच्चों सहित शिक्षकों को आने- जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सफाईकर्मियों की लापरवाही के चलते दर्जनों प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के परिसर में गंदगी दिखाई पड़ रही है। कार्यालय सहित कक्षा-कक्षों को तो बच्चे खुद साफ कर देते हैं, पर बच्चों के हाथ में झाड़ू देख अक्सर अभिभावक व शिक्षकों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ग्रामीणों के मुताबिक, समस्या को लेकर संपूर्ण समाधान दिवस, सीएम पोर्टल समेत विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई गई, लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं मुबारकपुर गांव में पूर्व में एक महिला सफाई कर्मी की तैनाती की गई थी। लेकिन कर्मी के काम न करने के कारण आए दिन ग्रामीण विरोध कर रहे थे। ऐसे में कर्मी ने काम के डर से चंद कदम की दूरी पर स्थित दूसरे गांव में अपना स्थानांतरण करा लिया। उक्त गांव में सफाई के नाम पर कुछ है ही नहीं।

इनसेट-

रोस्टर के अनुसार गांवों में सफाई कराई जाती है। सफाईकर्मियों को गांव में कार्य दिवस में उपस्थिति बनाए रखने का निर्देश दिए गए हैं। जहां तक सवाल पद खाली होने का है तो उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया गया है।

-अखिलेश तिवारी, खंड स्वच्छता अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.