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प्रमुख सचिव को एक बार फिर गणेश परिक्रमा कराएगा महकमा

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व नोडल अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव अपने एक दिवसीय दौरे पर मंगलवार को जिला मुख्याल पहुचेंगे। इस दौरान विकास कार्यों की समीक्षा व नियामताबाद ब्लाक के सहजौर गांव का निरीक्षण करेंगे। जिला प्रशासन नोडल अफसर को एक बार फिर अपने चश्मे से जिले के विकास की हकीकत दिखाने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 12:46 AM (IST)
प्रमुख सचिव को एक बार फिर गणेश परिक्रमा कराएगा महकमा

जागरण संवाददाता, चंदौली : प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व जनपद के नोडल अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव अपने एक दिवसीय दौरे पर मंगलवार को जिले में होंगे। वे विकास कार्यों की समीक्षा व नियामताबाद ब्लाक के सहजौर गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से रूबरू होंगे। इसके मद्देनजर सोमवार को जिला प्रशासन तैयारियों को अमलीजामा पहनाने में जुटा रहा। पूरे दिन अधिकारी आकड़ों को अपडेट करने में लगे रहे। लेकिन मजे की बात यह कि जिला प्रशासन नोडल अफसर को एक बार फिर अपने चश्मे से जिले के विकास की हकीकत दिखाने की तैयारी में है। इसके लिए सोच-समझकर गांव का चयन किया गया है। वहीं कागजी घोड़े भी दौड़ाए जा रहे हैं ताकि समीक्षा बैठक के दौरान सबकुछ ओके दिखे।

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प्रमुख सचिव नए साल में पहले दौरे पर जनपद में आ रहे हैं। वे वर्ष 2018 में भी लगभग छह बार विकास कार्यों की हकीकत परख चुके हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल कागजी घोड़े ही दौड़ाए गए। जिला प्रशासन हकीकत से रूबरू कराने में सफल रहा। इस बार भी जिले के विकास की चमचमाती तस्वीर नोडल अफसर के सामने पेश करने की तैयारी है। समीक्षा बैठक को लेकर आंकड़े दुरुस्त किए जा रहे हैं। निरीक्षण को विकास की ²ष्टि से समृद्ध नियामताबाद ब्लाक के सहजौर गांव का चयन किया गया है। जबकि नौगढ़, शहाबगंज ब्लाक के दर्जनों गांवों के वा¨शदे आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि आकर उनकी परेशानियों को दूर करेगा। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कभी भी प्रमुख सचिव को विकास से अछूते इन गांवों की सैर नहीं कराई। क्योंकि इससे कागजों में हो रहे आकांक्षात्मक जिले के विकास की हकीकत सामने आ जाएगी। वहीं जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने वाले लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का भय भी है। इतना ही नहीं सीएम के फरमान का असर भी वनांचल के वनवासियों की दुखती रग पर हाथ नहीं फेर पा रहा। आज भी वनवासी सिर पर छत को प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हैं।


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