बोलीं प्रियंका, बचपन में झेली हूं शहादत का दर्द, मां मैं आपके साथ ..
ंबोलीं प्रियंका बचपन में झेली हूं शहादत का दर्द मां मैं आपके साथ .. बोलीं प्रियंका बचपन में झेली हूं शहादत का दर्द मां मैं आपके साथ .. बोलीं प्रियंका बचपन में झेली हूं शहादत का दर्द मां मैं आपके साथ ..
जासं, पड़ाव : बचपन में झेली हूं, शहादत का दर्द .. मां मैं आपके साथ। शहीद के परिवार से मिलने पहुंची प्रियंका वाड्रा अवधेश के चित्र पर माल्यार्पण के बाद मुड़ी तो सामने खड़ी पीड़ति मां को देख डबडबाई आंखों से उनके बोल फूटे। उसके बाद पिता, भाई को ढाढ़स बंधाईं फिर पत्नी शिल्पी एवं मां मालती से कानों में गुफ्तगू कीं तो दोनों के चेहरे के भाव प्रियंका के भरोसे को दर्शा रहे थे। लगभग 18 मिनट की मुलाकात सिर्फ शहीद के परिवार के नाम रही, मसलन सियासत से कोसों से दूर ..।
यूं तो प्रियंका के आने की खबर परिजनों को मंगलवार को ही लग गई थी। दरअसल, उनके दौरे की सहमति मिलते एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के सुरक्षाकर्मी सुरक्षा जायजा लेने धमक पड़े। सरकारी मशीनरी भी उनके संपर्क में रही, जिससे सुरक्षा में रोड़ा बनने वाली दुश्वारियों को दुरुस्त किया जा सके। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे के बजाए डेढ़ घंटे विलंब से प्रियंका वाड्रा पहुंची। सुरक्षाकर्मी कुछ ऐसा चक्रव्यूह बनाए थे, कि बहुतेरे लोग उनकी झलक नहीं पा सके। उन्होंने बगैर औपचारिकता के शहीद अवधेश के चित्र पर श्रद्धासुमन अíपत की। उसके बाद पत्नी शिल्पी, पिता हरिकेश, मां मालती एवं भाई से मुलाकात की। उनकी बातें नपी-तुली रहीं, मसलन सियासत से कोसों दूर रहीं। पार्टी कार्यकर्ता भी बड़ी तादाद में मौजूद रहे लेकिन उनसे भी मुखातिब नहीं हुईं। हां, शहीद के घर वाले रास्ते पर खड़ी महिलाओं से हाथ मिलाते जरूर उनमें खुद के प्रति भरोसे को जगाने की कोशिश की। पार्टी कार्यकर्ता पड़ाव चौराहे पर स्वागत को मौजूद रहे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। कांग्रेस नेता ललितेश पति त्रिपाठी, जनतेलेश्वर यादव समेत वरिष्ठ कांग्रेसी जरूर शहीद के घर तक पहुंचे थे।