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गलाघोंटू से बचाव को 11774 पशुओं को लगे टीके

गलाघोंटू की बीमारी से बचाव के लिए पशुओं को टीके लगाया जा रहे हैं। विकास खंड के विभिन्न गांवों में पशुपालन विभाग अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 11774 पशुओं को टीके लगा चुका है। पशु चिकित्साधिकारी डा. सुजीत सिंह ने बताया कि बारिश के मौसम में पशुओं में गलाघोंटू की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 06:51 PM (IST)
गलाघोंटू से बचाव को 11774 पशुओं को लगे टीके
गलाघोंटू से बचाव को 11774 पशुओं को लगे टीके

जासं, शहाबगंज (चंदौली) : गलाघोंटू की बीमारी से बचाव के लिए पशुओं को टीके लगाए जा रहे। विकास खंड के विभिन्न गांवों में पशुपालन विभाग अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 11774 पशुओं को टीके लगा चुका है। पशु चिकित्साधिकारी डा. सुजीत सिंह ने कहा बारिश के मौसम में पशुओं में गलाघोंटू की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

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जानकारी के अभाव में पशुओं में बीमारी हो जाती है। इससे ग्रसित पशु का बचना मुश्किल हो जाता है। पहले से ही पशुपालक को पशुओं को बारिश की शुरुआत में ही हेमरेजिक सेफ्टीसीमियां वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए। क्योंकि इस बीमारी से गले में सूजन आ जाती है। बताया पाश्चुरेला मल्टोसेडा निगेटिव वैक्टीरिया पशुओं में पाया जाता है। गलाघोंटू के अलावा मुंहपका, खुरपका, सर्रा आदि बीमारियां पशुओं में होने की आशंका रहती है। बताया 14200 पशुओं को टीके लगाने का लक्ष्य है। पशुधन प्रसार अधिकारी अब्दुल कय्यूम अंसारी के नेतृत्व में टीम ने करनौल, अमरसीपुर, ताला, तेंदुईं, खखड़ा, बरियारपुर, खिलची, अमाव, सेमरा आदि गांवों में टीकाकरण कार्य पूर्ण कर ली है। करीब 2500 पशुओं में टीकाकरण किया जाना शेष है।

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