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नक्सल क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल

शासन-प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी समेकित बाल विकास परियोजना की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कारण नक्सल प्रभावित इलाके में खुले आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल खस्ताहाल है। कई केंद्र उधारी के तौर पर परिषदीय विद्यालयों में तो कुछ खुद के भवन में संचालित हैं। पर रखरखाव व मरम्मत के अभाव में अ

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 04:24 PM (IST)
नक्सल क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल
नक्सल क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल

जासं, चकिया (चंदौली) : शासन-प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी समेकित बाल विकास परियोजना की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कारण, नक्सल प्रभावित इलाके में खुले आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल खस्ताहाल है। कई केंद्र उधारी के तौर पर परिषदीय विद्यालयों में तो कुछ खुद के भवन में संचालित हैं। पर रखरखाव व मरम्मत के अभाव में अधिकांश भवन जर्जर हो गए हैं। इसके चलते अभिभावक अपने नौनिहालों को केंद्र पर भेजने से कतरा रहे हैं। कुपोषण को दूर करने की शासन की मंशा पर सवाल खड़ा होने लगा है। ग्रामीणों के मुताबिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जिम्मेदारी निर्वहन नहीं करती हैं। केंद्र यदा-कदा खुलता और पंजीरी बांटकर कोरमपूर्ति कर ली जाती है। सीडीपीओ सुरेश गुप्ता ने कहा आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित संचालन कराया जाता है। विभागीय योजनाओं का लाभ बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को दिया जाता है। मुख्य सेविका मॉनीटरिग कर रिपोर्ट देती हैं।

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