Move to Jagran APP

पर्यावरण को संजीवनी देने वाले प्राचीन वृक्ष घोषित होंगे धरोहर

पर्यावरण को वर्षों से संजीवनी प्रदान करने वाले वृक्ष धरोहर के रूप में चिह्नित किए जाएंगे। पंचायत राज विभाग को नगरीय व ग्रामीण इलाकों में मौजूद 100 साल से अधिक पुराने वृक्षों को चिह्नित

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 06:05 AM (IST)
पर्यावरण को संजीवनी देने वाले प्राचीन वृक्ष घोषित होंगे धरोहर

जागरण संवाददाता, चंदौली : पर्यावरण को वर्षों से संजीवनी प्रदान करने वाले वृक्ष धरोहर के रूप में चिह्नित किए जाएंगे। पंचायत राज विभाग को नगरीय व ग्रामीण इलाकों में मौजूद 100 साल से अधिक पुराने वृक्षों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वन विभाग वृक्षों की कार्बन डेटिग निकालकर वास्तविक आयु का आंकलन करेगा। रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन के निर्देश पर वृक्षों की देखरेख व संरक्षण का इंतजाम किया जाएगा। उक्त स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

loksabha election banner

जनपद में पीपल व बरगद के तमाम विशालकाय वृक्ष हैं। पुरनिए वृक्षों की आयु सौ साल से अधिक बताते हैं। लेकिन संरक्षण के अभाव में ऐसे वृक्ष अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं। शासन ने प्राचीन वृक्षों को सहेजने की योजना बनाई है। इसके तहत ग्रामीण व नगरीय इलाकों में 100 साल से अधिक पुराने वृक्षों को चिह्नित किया जाएगा। ऐसे वृक्षों को धरोहर घोषित कर देखरेख व संरक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। शासन ने इसको लेकर जिला प्रशासन को पत्र भेजकर निर्देशित किया है। जिला पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों को ऐसे वृक्षों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन का मानना है कि पंचायत राज विभाग के कर्मचारी गांव-गांव तैनात हैं। ऐसे में ग्रामीणों के जरिए प्राचीन वृक्षों के बारे में आसानी से जानकारी हासिल की जा सकती है। इस कार्य में ग्राम प्रधानों की भी मदद ली जा सकती है। पंचायती राज विभाग की ओर से वृक्षों को चिह्नित करने के पश्चात सूची तैयार कर सीडीओ को भेजी जाएगी। सीडीओ इसे वन विभाग को उपलब्ध कराएंगे। वन विभाग कार्बन डेटिग के जरिए वृक्षों की वास्तविक आयु का आंकलन करेगा। शासन के निर्देश पर प्राचीन वृक्षों के संरक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित भी किया जाएगा। बोर्ड पर संबंधित वृक्ष के बारे में पूरी जानकारी अंकित कराई जाएगी।

250 साल से अधिक पुराने तीन वृक्ष

वन विभाग ने अपने स्त्रोतों के जरिए जिले में तीन हेरिटेज वृक्षों का चयन किया है। इसमें चकिया के जागेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण स्थित 250 साल पुराना पीपल का पेड़ है। इसकी मोटाई करीब 12 मीटर है। जबकि शहाबगंज ब्लाक के खोजापुर गांव में रामशाला हनुमान मंदिर परिसर में 9.62 मीटर मोटाई वाला 330 साल पुराना पीपल और रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम मठ का 500 साल पुराना बरगद है, जिसकी मोटाई 10.34 मीटर है। मान्यता है कि इसी वृक्ष के नीचे बैठकर अघोराचार्य कीनाराम साधना में लीन रहते थे।

वर्जन :

'शासन से जनपद में मौजूद 100 साल से पुराने प्राचीन वृक्षों को चिह्नित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इसकी जिम्मेदारी पंचायत राज विभाग को सौंपी जाएगी। प्राचीन वृक्षों को धरोहर घोषित करने संरक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। वहीं उक्त स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

डा. एके श्रीवास्तव, सीडीओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.