हल्की मुठभेड़ के बाद हत्थे चढ़े 10 शराब तस्कर
कोतवाली पुलिस ने औद्योगिक क्षेत्र के पराग डेयरी के पास शुक्रवार की रात मुठभेड़ के बाद दस शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। तीन वाहनों से 2
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर, (चंदौली) : कोतवाली पुलिस ने औद्योगिक नगर क्षेत्र के पराग डेयरी के पास शुक्रवार की रात हल्की मुठभेड़ के बाद दस शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। तीन वाहनों से 28 लाख रुपये मूल्य की 220 पेटी अंग्रेजी शराब की। तस्करों के पास से तीन तमंचा व पांच कारतूस भी मिले। शनिवार को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने पीडीडीयू नगर कोतवाली में मामले का खुलासा करते हुए कहा शराब हरियाणा से बिहार ले जाई जा रही थी।
कोतवाल शिवानंद मिश्र व प्रभारी स्वाट सत्येंद्र यादव हमराहियों के साथ गश्त कर रहे थे। इसी बीच सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति पराग डेयरी के सामने अंडर पास के पास एक बड़ी व दो छोटी गाड़ियों में बैठे हैं। उनकी गतिविधियां संदिग्ध नजर आ रही हैं। जानकारी होते ही पुलिस टीम ने घेरेबंदी की तो वाहन सवार तस्कर भागने के प्रयास में फायरिग करने लगे। पुलिस बदमाशों पर भारी पड़ी और वाहनों से मार्ग को अवरुद्ध कर तस्करों को पकड़ लिया। एक मिनी कंटेनर, एक स्कार्पियो व एक स्कोडा कार में रखी चार हजार 680 शीशी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। पुलिस ने युवकों से शराब से संबंधित कागजात दिखाने को कहा गया लेकिन वे दिखा नहीं पाए। कामयाबी पर एसपी ने कोतवाल शिवानंद मिश्र की पीठ थपथपाई। हरियाणा से बिहार ले जा रहे थे शराब
पूछताछ में तस्करों ने बताया वे शराब की फर्जी बिल्टी बनाकर हरियाणा से बिहार पहुंचाते हैं। बिहार में शराब बंदी और चुनावी माहौल के चलते अच्छा मुनाफा होता है। पुलिस से बचने के लिए वे अपने वाहनों का नंबर भी बदलते रहते हैं। बरामद कंटेनर का नंबर भी फर्जी है। तस्कर इतने शातिर थे कि अपने पास ट्रांसपोर्ट से मंगाए गए जूते और चप्पलों की रसीद रखे हुए थे। सामान्य जांच के दौरान उन्हीं रसीदों को दिखा देते थे। जबकि बात नहीं बनने पर डराने धमकाने को असलहा भी रखे हुए थे। आखिर तस्करों को कैसे मिलती है शराब
आए दिन ब्रांडेड कंपनियों की महंगी शराब पकड़ी जा रही। शराबबंदी के बाद तस्करों की नजर बिहार राज्य पर गड़ गई है तो बार्डर का जिला होने के कारण चंदौली में गतिविधियां अधिक हैं। पुलिस भी हैरान कि आखिरकार तस्करों को ब्रांडेड कंपनियों की शराब बड़ी मात्रा में मिल कैसे जा रही है। जबकि कंपनियों से शराब की आपूर्ति निर्धारित गोदामों पर ही की जाती है। पुलिस शराब के अवैध कारोबारियों की अच्छी पकड़ का लोहा मान चुकी है।